शिवसेना सांसद संजय राउत ने अंडा और चिकेन को शाकाहारी घोषित किए जाने की माँग की है। ये बात उन्होंने राज्यसभा में आयुर्वेद पर हो रही बहस के दौरान कही। राज्यसभा में बैठे अन्य सांसदों ने भी आयुष मंत्रालय को इस बात पर विचार करने की सलाह दी कि चिकेन शाकाहारी है या नहीं? वहीं, अमर सिंह ने राउत की दलीलों को कुतर्क करार दिया। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के क़रीबी राउत ने कहा:
“मैं एक बार नंदुरबार क्षेत्र के एक छोटे से कस्बे में गया। वहाँ आदिवासी लोग हमारे लिए भोजन लेकर आए। जब मैंने पूछा कि खाने में क्या है तो उन्होंने बताया कि यह ‘आयुर्वेदिक चिकेन’ है। आदिवासियों ने बताया कि इसे इस तरह से पकाया गया है कि इसे खाने से बीमारियाँ भी दूर हो जाती हैं।”
शिवसेना नेता संजय राउत ने मांग की है कि अंडा और चिकन वेज घोषित किए जाएं।
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) July 17, 2019
मैं भी मांग करता हूँ कि-
विस्की और बीयर को पानी घोषित किया जाए।
बस और ट्रक, साईकल घोषित किए जाएं।
जींस और ट्राउज़र, अंडरवेयर घोषित किए जाएं।#MatlabKuchBhi
राउत ने दावा किया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ लोग आयुर्वेदिक अंडे पर रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा उन्हें ख़ुद शोध कर रहे लोगों ने ही बताया है। शिवसेना मुखपत्र दैनिक सामना के एग्जीक्यूटिव एडिटर संजय राउत ने रिसर्चर्स के हवाले से कहा कि सिर्फ वही मुर्गियाँ आयुर्वेदिक अंडे देती हैं, जिन्हें केवल आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थ खाने को दिए जाएँ। उन्होंने कहा कि लोग अपने शरीर में प्रोटीन की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उन आयुर्वेदिक अण्डों को खा सकते हैं।
शिवसेना सांसद संजय राऊत के अंडा और मुर्गी शाकाहारी होने के बयान पर
— आज तक (@aajtak) July 16, 2019
अमर सिंह बोले की ये तर्क नहीं बल्कि कुतर्क है. देखिये @siddharatha05 की #ReporterDiary
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संजय राउत ने कहा कि अमेरिका में दूध और हल्दी से बने पेय काफ़ी लोकप्रिय हो रहे हैं, लेकिन भारत में इसे नज़रअंदाज किया जाता है। हालाँकि, कई अन्य सांसदों ने चर्चा के दौरान गंभीर मुद्दों पर भी बात की। सांसदों ने आयुष मंत्रालय के लिए बजट बढ़ाने की माँग की ताकि हज़ारों वर्ष पुरानी आयुर्वेद परंपरा को विकसित कर लाखों-करोड़ों लोगों को लाभ पहुँचाया जा सके। संजय राउत ने आयुष मंत्रालय के लिए 10,000 करोड़ रुपए के वार्षिक बजट की माँग की।