Friday, June 28, 2024
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‘मोदी के दिए घरों में रहते हैं, 100% वोट कॉन्ग्रेस को देते हैं’: बोले असम CM सरमा – राज्य पर कब्ज़ा करना चाहते हैं बांग्लादेश मूल के लोग

असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "जब राज्य में भाजपा की सरकार नहीं होगी तो इस तरह के कितने हमले होंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है।" भाजपा नेता ने कहा, "इस बार हमें 47 प्रतिशत वोट मिले हैं। हमारा लक्ष्य 2026 के राज्य चुनावों में 50 प्रतिशत वोट हासिल करना है।"

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि बांग्लादेशी मूल के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कॉन्ग्रेस को बढ़-चढ़कर वोट दिया। उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि सांप्रदायिकता में हिंदू नहीं, बल्कि सिर्फ एक समुदाय…. एक मजहब शामिल है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी मूल के अल्पसंख्यकों ने कॉन्ग्रेस को इसलिए वोट दिया, क्योंकि अगले 10 सालों में वे राज्य को कब्जा करना चाहते हैं।

शनिवार (22 जून 2024) असम के पार्टी मुख्यालय में भाजपा और सहयोगी दलों के विजयी उम्मीदवारों के अभिनंदन समारोह में सीएम सरमा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को लगभग 47% वोट मिले, जबकि कॉन्ग्रेस और उसके सहयोगी दलों को 39% वोट मिले। दरअसल, भाजपा-एजीपी-यूपीपीएल गठबंधन ने राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें जीतीं, जबकि कॉन्ग्रेस ने 3 सीटें जीतीं।

उन्होंने कहा, “मैं गर्व से कहता हूँ कि असम में हिन्दू समुदाय ने तुष्टिकरण की राजनीति नहीं की। हिंदुओं ने मेरिट पर वोट किया है, लेकिन एक विशेष समुदाय ने इस प्रकार की Tactical Voting की है कि उनके क्षेत्र में चाहे जितनी भी विकास हो, पूरी समुदाय ने अपना 100% वोट कॉन्ग्रेस को दिया है।”

उन्होंने कहा कि अगर कॉन्ग्रेस को मिले 39 प्रतिशत वोटों का विश्लेषण किया जाए तो यह पूरे राज्य से नहीं मिला है। इस वोट का 50 प्रतिशत हिस्सा 21 विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रित है। ये विधानसभा क्षेत्र अल्पसंख्यक बहुल हैं। इन अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भाजपा को सिर्फ 3 प्रतिशत ही वोट मिले हैं। उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि सांप्रदायिकता हिंदू नहीं, बल्कि सिर्फ एक समुदाय है।

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भले ही सड़कें न हों… बिजली न हों, लेकिन वे कॉन्ग्रेस को भारी मत देते रहे हैं और ऐसा इस बार भी हुआ। उन्होंने कहा कि हालाँकि भाजपा असमिया लोगों और आदिवासियों के लिए काम करती रही है, लेकिन इन समुदायों ने भगवा पार्टी को 100 प्रतिशत वोट नहीं दिया है, उन्होंने कहा।

हिमंता ने आगे कहा, “अगर हम बांग्लादेशी मूल के लोगों की बहुलता वाले केंद्रों पर विचार करें तो करीमगंज को छोड़कर 99 प्रतिशत वोट कॉन्ग्रेस को गए हैं। वे (अल्पसंख्यक लोग) भले ही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए घरों में रह रहे हों, मोदी द्वारा दी गई बिजली और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हों, लेकिन जब वे वोट देने जाते हैं तो वे कॉन्ग्रेस को वोट देते हैं।”

उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी मूल के अल्पसंख्यक कॉन्ग्रेस को वोट देगा, क्योंकि वे अगले 10 वर्षों में राज्य पर नियंत्रण करना चाहते हैं। सीएम सरमा ने आरोप लगाया कि जब आचार संहिता लागू होने के कारण भाजपा सरकार सक्रिय नहीं थी तो इस समुदाय के सदस्यों ने बारपेटा के लखीमपुर गाँव में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया और कोकराझार में भूमि पर अतिक्रमण करने की कोशिश की।

असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “जब राज्य में भाजपा की सरकार नहीं होगी तो इस तरह के कितने हमले होंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है।” भाजपा नेता ने कहा, “इस बार हमें 47 प्रतिशत वोट मिले हैं। हमारा लक्ष्य 2026 के राज्य चुनावों में 50 प्रतिशत वोट हासिल करना है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने इस लोकसभा चुनाव में 126 विधानसभा क्षेत्रों में से 92 पर जीत हासिल की है, जो राज्य में किसी भी सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत है। उन्होंने यह भी कहा। कि भाजपा राष्ट्र निर्माण की राजनीति करती है और सभी भागों के विकास के लिए काम करती रहेगी, भले ही उसके उम्मीदवार उन क्षेत्रों से जीते हों या नहीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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