पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में 40,000 रुपए की मासिक वृद्धि का ऐलान किया है। इस घोषणा के बाद अब बंगाल के विधायकों को हर महीने 50,000 रुपए वेतन के रूप में मिलेंगे। वहीं, मंत्रियों का मासिक वेतन 51,000 रुपए हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार (7 सितंबर 2023) को विधायकों एवं मंत्रियों को राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन यह सौगात दी। विधायकों का वेतन बढ़ाने का एलान करते हुए सीएम ममता ने कहा कि देश में सबसे कम बंगाल के विधायकों का वेतन था।
दरअसल, बंगाल के विधायकों को हर महीने वेतन के रूप में 10,000 हजार रुपए मिलते हैं। वहीं, राज्य मंत्रियों को यह मासिक वेतन 10,900 रुपए मिलते हैं, जबकि पूर्ण प्रभार वाले मंत्रियों को 11,000 रुपए वेतन मिलते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एलान के बाद विधायकों का वेतन बढ़कर 50,000 रुपए महीना हो गया है। वहीं, राज्य मंत्रियों का वेतन 50,900 रुपए महीना और पूर्ण प्रभार वाले मंत्रियों का वेतन 51,000 रुपए हो जाएगा।
कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री और विधायकों को मासिक वेतन के अलावा जो अन्य भत्ते मिलते थे, उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं, ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री के वेतन में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। ममता का कहना है कि वह लंबे समय से वेतन नहीं ले रही हैं। इसलिए इसमें संशोधन की जरूरत नहीं है।
राज्य के विधायकों को वेतन, भत्ते और समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए अब तक कुल मासिक 81,000 रुपए मिलते थे। बढ़ोतरी के बाद अब से उन्हें कुल एक लाख 21 हजार रुपए मिलेंगे। इसी तरह मंत्रियों को मिलने वाला कुल मासिक भुगतान 1.10 लाख रुपए से बढ़कर लगभग 1.50 लाख रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।
ममता बनर्जी ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों का वेतन तो बढ़ा दिया, लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा लंबे से महंगाई भत्ते में की जा रही वृद्धि की माँग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर बढ़े हुए महंगाई भत्ते और एरियर की माँग कर रहे हैं।
मार्च 2023 में बंगाल के सरकारी कर्मचारियों ने महंगाई भर्ता और एरियर की माँग में बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन किया था। तब ममता बनर्जी ने कहा था, “आप (आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारी) कितना चाहते हैं? आपको कितना संतुष्ट करेगा? आप मेरा सिर काट दें, लेकिन केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता नहीं दे पाऊँगी।”