बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वासमत हासिल कर लिया है। उन्होंने राजद का दामन छोड़ कर हाल ही में भाजपा का हाथ थामा था, जिसके बाद उन्हें 9वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेनी पड़ी थी। इसके बाद नई गठबंधन सरकार को विश्वासमत हासिल करना था। राजद के विधायकों चेतन आनंद और नीलम देवी ने जदयू-भाजपा गठबंधन को वोट दिया। सत्ताधारी गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी की HAM भी शामिल है।
129 विधायकों ने जहाँ नीतीश कुमार के पक्ष में मतदान किया, वहीं विपक्षी दलों ने सदन के वॉकआउट का रास्ता चुना। इस तरह अब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उससे पहले मुख्यमंत्री ने सदन में संबोधन देते हुए कहा कि को 2015 में ‘7 निश्चय’ लेकर आए थे, जो पूरा का पूरा उनका आईडिया ही था। उन्होंने कहा कि जब वो सत्ता में आए तब उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा बंद कराया। उन्होंने 2005 से पहले के इतिहास का बात करते हुए कहा कि उस समय के मामलों में भी कार्रवाई उनके सत्ता में आने के बाद ही शुरू हुई।
नीतीश कुमार ने कहा कि हम बिहार के विकास के लिए, लोगों के हित में काम करते रहेंगे। उन्होंने तेजस्वी यादव के आवास में राजद विधायकों को रखे जाने के संबंध में कहा कि पैसा कहाँ से आया, इसकी जाँच करवाई जाएगी। नीतीश कुमार ने कहा कि अब वो अपनी पुरानी जगह वापस आ गए हैं। फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए मतदान हुआ। उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी जिक्र किया कि कैसे लालू परिवार ने जमीन लेकर नौकरियाँ दी।
चोर दरवाजे का रास्ता बंद,
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) February 12, 2024
बिहार की जनता जिंदाबाद!
बिहार विधानसभा बहुमत परीक्षण में जनता के विश्वास की जीत हुई। NDA की सरकार 130 मतों के भारी बहुमत से विजय हुई।
बिहारवासियों को बहुत-बहुत बधाई।#BiharWithNDA pic.twitter.com/PA8u42bh7I
नीतीश कुमार ने राजद के एक अन्य विधायक प्रह्लाद यादव को भी तोड़ दिया। वो भी आनंद मोहन के बेटे चेतन और अनंत सिंह की पत्नी नीलम के साथ सत्ताधारी पक्ष वाली बेंच पर बैठे नज़र आए। जहाँ चेतन आनंद राजपूत समाज से आते हैं, अनंत सिंह भूमिहार बिरादरी और प्रह्लाद यादव बिहार के बहुसंख्यक OBC यादव समाज से आते हैं जो राजद समीकरण का वोट बैंक रहा है। चेतन आनंद ने फेसबुक पर लिखा भी, ‘ठाकुर के कुएँ में पानी बहुत है, सबको पिलाना है।” बता दें कि राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने संसद में ‘ठाकुर का कुआँ’ कविता पढ़ कर विवाद पैदा कर दिया था।