बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी के 5 विधायकों को भारतीय जनता पार्टी के पास जाता देख परेशान हो गए हैं। उन्होंने बीजेपी पर उनकी पार्टी तोड़ने का इल्जाम लगाया है। साथ ही विपक्ष से कहा है कि वो लोग इकट्ठा हो जाएँ और भाजपा को सबक सिखाएँ।
बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जब हम एनडीए से अलग हो रहे थे, तो मणिपुर के हमारे 6 विधायक हमसे मिले और सुनिश्चित किया कि वो जेडीयू के साथ हैं। हमें सोचना होगा कि ये सब क्या चल रहा है। भाजपा हमारी पार्टी तोड़ रही है। क्या ये संवैधानिक है? विपक्ष 2024 के लिए एकजुट हो जाए।”
When we parted ways from NDA, all our six Manipur MLAs came & met us & assured us they were with JDU. We need to think about what’s going on. They’re breaking away the MLAs from the parties, is it
— ANI (@ANI) September 3, 2022
constitutional?… Opposition will unify for 2024 elections: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/igjWmfombR
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएम नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि इस समय लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। अगर 2024 में विपक्ष एकजुट होता है तो निर्णय बहुत अच्छा आएगा।
नीतीश ने विपक्ष को एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि 2024 का चुनाव जीतने के बाद भाजपा को सबक सिखाएँगे। उन्होंने कहा कि वो विपक्षी दलों से मिलने के लिए जल्द दिल्ली जाएँगे।
बता दें कि मणिपुर से जिन 5 जेडीयू विधायकों का भाजपा में विलय हुआ है, उनके नाम- केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार हैं।
कहा जा रहा है कि ये विधायक एनडीए को छोड़े जाने के नीतीश कुमार के फैसले से नाराज थे। उन लोगों को एनडीए के साथ गठबंधन में रहना था। यही कारण है कि इन विधायकों ने भाजपा में विलय कर लिया। जेडीयू के कुल 6 में विधायकों में मोहम्मद अब्दुल नासिर को छोड़कर 5 ने भाजपा में विलय कर लिया है।