उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लिए नई जनसंख्या नीति का ऐलान कर दिया है। लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बढ़ती आबादी विकास में बाधक होती है। यूपी सीएम ने जानकारी दी कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए और भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने इसका सम्बन्ध हर नागरिक से होने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए जागरूकता सबसे ज्यादा आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या गरीबी का कारण है। उन्होंने दो बच्चों के बीच गैप होने की भी वकालत की। इसके पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर दो बच्चों के बीच एक अच्छा अंतराल नहीं होगा तो उनके पोषण पर भी असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी और बढ़ती आबादी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जनसंख्या नीति को लागू करने में समाज के हर तबके का ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जनसंख्या नीति का संबंध केवल जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ ही नहीं है, बल्कि हर एक नागरिक के जीवन में खुशहाली और समृद्धि का रास्ता उसके द्वार तक पहुँचाना भी है। उत्तर प्रदेश में और प्रयास की जरूरत है। हम बढ़ती आबादी को लेकर लोगों को जागरूक करते रहेंगे। स्कूलों में और अन्य सार्वजनिक जगहों पर इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा।”
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर… https://t.co/8JRLgrOUSu
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 11, 2021
बता दें कि उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति 2021-30 के लिए लाई गई है। इसके अंतर्गत परिवार नियोजन कार्यक्रम में सुविधाएँ बढ़ाई जाएँगी। न सिर्फ गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता बढ़ाई जाएगी, बल्कि सुरक्षित गर्भपात की व्यवस्था भी होगी। नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बाँझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराने के लिए उन्नत सुविधाएँ भी विकसित किए जाने की योजना है।
जनसंख्या में स्थिरता लाने के लिए ये सारे प्रयास किए जाने हैं। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने भी कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण देश और वक़्त की ज़रूरत है, अगर उत्तर प्रदेश इस दिशा में जागरूकता के लिए काम कर रहा है तो इसका स्वागत होना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे आपातकाल के दौरान संजय गाँधी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस ने इसके लिए क्रूर प्रयास किए थे।