Friday, November 15, 2024
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नए संसद भवन के भूमिपूजन से भड़की कॉन्ग्रेस, कहा- यह अंतिम संस्कार में DJ बजाने जैसा

"सरकार का यह कदम अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने के बराबर है। काले कृषि कानूनों के माध्यम से भाजपा ने किसानों की आजीविका पर बुलडोजर चला दिया, दूसरी तरफ वह जनता का पैसा भवन निर्माण पर खर्च कर रही है आज जिस चीज की जरूरत नहीं थी उसे बीजेपी कर रही है।"

नए संसद भवन को लेकर कॉन्ग्रेस सहित विपक्षी पार्टी बौखलाए हुए हैं। तरह-तरह की बयानबाजी कर वे सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। कॉन्ग्रेस ने एक तरफ जहाँ इस मुद्दे को देशी और स्वदेशी से जोड़ दिया। वहीं पार्टी के प्रवक्ता ने यह कह दिया कि नया संसद भवन बनाना, अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने के बराबर है।

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर अपनी अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा, “ब्रिट्स द्वारा निर्मित मौजूदा संसद भवन मध्य प्रदेश के मुरैना में चौसठ योगिनी मंदिर से एक उल्लेखनीय समानता रखता है, जबकि नई ‘आत्मानिर्भर’ संसद भवन वाशिंगटन डीसी में पेंटागन से शानदार समानता रखती है।”

जयराम रमेश ने पुराने संसद भवन और नए संसद भवन की डिजाइन के साथ-साथ चौसठ योगिनी मंदिर और पेंटागन की तस्वीरें भी साझा की हैं।

वहीं कॉन्ग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल का कहना है, “नई इमारत की आधारशिला रखने का निर्णय हृदयहीन, संवेदनहीन और बेशर्मी से भरा है। खास कर ऐसे समय में जब देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। बीजेपी लोगों को राहत देने के बजाय फालतू जुलूस निकाल रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार का यह कदम अंतिम संस्कार के वक्त डीजे बजाने के बराबर है। काले कृषि कानूनों के माध्यम से भाजपा ने किसानों की आजीविका पर बुलडोजर चला दिया, दूसरी तरफ वह जनता का पैसा भवन निर्माण पर खर्च कर रही है आज जिस चीज की जरूरत नहीं थी उसे बीजेपी कर रही है। अहंकार को संतुष्ट करने के लिए।”

शेरगिल ने दावा किया, “महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए संसद भवन की आधारशिला रखने का काम ‘किसानों से रोटी छीनने के बाद केक की दुकान खोलने’ जैसा है।”

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नए संसद भवन का भूमि पूजन किया, जिसे लगभग 971 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाना है। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच की जगह का पुनर्विकास शामिल है। हिन्दू रीति-रिवाज़ों के अंतर्गत भूमि पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

बता दें भूमिपूजन के बाद से ही टीएमसी सहित कई विपक्षी पार्टी इसके विरोध में जुट गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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