असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार के सार्वजनिक जगहों पर गोमांस परोसे जाने के बैन पर कॉन्ग्रेस और बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF गुस्सा हो गई है। कॉन्ग्रेस की तरफ से असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे और सांसद गौरव गोगोई ने गोमांस पर बैन की आलोचना का जिम्मा संभाला है।
असम सरकार के इस फैसले को लेकर AIUDF के विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा, “मैं समझता हूँ इसका ज्यादा महत्व नहीं है। भाजपा ने गोवा और नार्थईस्ट में बीफ पर बैन नहीं जबकि सब जगह उनकी सरकार है, वहाँ लोग बीफ खाते और खिलाते हैं… किसके घर में क्या पकेगा, कौन क्या खाएगा और कौन क्या पहनेगा यह कैबिनेट का विषय नहीं है।”
रफीकुल इस्लाम ने इस मामले में कॉन्ग्रेस पर भी निशाना साधा है। गोमांस के सार्वजनिक खाए जाने पर जाने पर बैन से नाराज कॉन्ग्रेस के एक विधायक शेरमन अली ने आरोप लगा दिया कि असम सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है। उन्होंने इसे संविधान पर हमला बता दिया। वहीं कॉन्ग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसे झारखंड के चुनाव से जोड़ दिया।
गोमांस पर बैन को लेकर गोगोई ने कहा, “झारखंड में भाजपा को करारी शिकस्त दिलाने के बाद असम के मुख्यमंत्री अपने फेल्यर को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। झारखंड की समझदार जनता की तरह असम की जनता भी अगले चुनाव में असम के भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार, कुशासन और उनके द्वारा अर्जित बेहिसाब संपत्ति की सजा देगी।”
After leading the BJP to a humiliating loss in Jharkhand, the Chief Minister of Assam is trying to camouflage his failure. Like the wise public of Jharkhand, the people of Assam will also punish the corruption, misrule and obscene wealth of the BJP leaders of Assam in the next…
— Gaurav Gogoi (@GauravGogoiAsm) December 4, 2024
गौरतलब है कि असम कैबिनेट ने बुधवार (4 दिसम्बर, 2024) को राज्य के भीतर रेस्टोरेंट और होटल में गोमांस परोसे जाने पर बैन लगा दिया। सार्वजनिक जगहों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी इसे नहीं खाया जा सकेगा। यह फैसला हाल ही में भाजपा और कॉन्ग्रेस नेताओं के बीच गोमांस को लेकर चली जुबानी जंग के बाद सामने आया है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने कॉन्ग्रेस को चुनौती देते हुए कहा था कि वह समर्थन दे तो उनकी सरकार राज्य में पूर्ण रूप से गोमांस पर पाबंदी लगा देगी। असल में सामागुरी में बीजेपी की जीत के बाद कॉन्ग्रेस नेता रकीबुल हुसैन ने गोमांस बाँटने के आरोप लगाए थे। कहा था कि इसी कारण बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली है।
रकीबुल हुसैन पिछले लगभग ढाई दशक से सामागुरी से विधायक थे। लोकसभा चुनाव में वे धुबरी से सांसद बन गए थे। इसके बाद उपचुनावों में इस सीट से कॉन्ग्रेस ने उनके बेटे तंजील हुसैन को मैदान में उतारा था। लेकिन करीब 60 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली इस सीट को कॉन्ग्रेस बचा नहीं सकी।
रकीबुल हुसैन के आरोपों पर मुख्यमंत्री सरमा ने पूछा था कि क्या कॉन्ग्रेस अब तक गोमांस बाँट कर सामागुरी में जीत रही थी? उन्होंने कहा था, क्या सामागुरी सीट गोमांस बाँट कर जीती जा सकती है। अगर ऐसा है तो क्या कॉन्ग्रेस अब तक सामागुरी सीट गोमांस बाँट कर जीत रही थी? कॉन्ग्रेस नेता रकीबुल हुसैन सामागुरी सीट को अच्छी तरह से जानते हैं, इसलिए उन्हें पता होगा।
साथ ही उन्होंने कहा था कि वे राज्य में गोमांस पर बैन लगाने को तैयार हैं, बशर्ते इसके लिए असम कॉन्ग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा सहमत हों। उन्होंने कहा कि अगर रिपुन बोरा सहमत हों तो अगली विधानसभा की बैठक में ही गोमांस पर बैन लगा दिया जाएगा।