असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को बिहार में हुए विधानसभा चुनावों में 5 सीटें प्राप्त हुईं। सीमांचल में उन्हें मिली सफलता के बाद मीडिया में ये आकलन होने लगा कि क्या इससे राजद को नुकसान हुआ है? ‘इंडिया टुडे’ पर इसे लेकर हो रही चर्चा में असदुद्दीन ओवैसी ने राजदीप सरदेसाई के सवालों का जवाब देते हुए न सिर्फ उन्हें आईना दिखाया, बल्कि कॉन्ग्रेस पार्टी को भी जम कर लताड़ लगाई।
दरअसल, राजदीप सरदेसाई ने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा से पूछा कि क्या वो अपनी पार्टी की तरफ से AIMIM से अपील करना चाहते हैं कि वो महागठबंधन में आएँ? इसके जवाब में खेड़ा ने कहा कि वो ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि वो इसके लिए अधिकृत नहीं हैं और ये चीजें पार्टी में एक अलग स्तर पर की जाती है। उन्होंने कहा कि ओवैसी की पार्टी को कहीं से भी लड़ने का अधिकार है और इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता, लेकिन वो ‘कट्टर दक्षिणपंथ’ का हिस्सा बन गए हैं।
उन्होंने दावा किया कि कॉन्ग्रेस दोनों तरफ से चलती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘सांप्रदायिकता’ का ये जवाब नहीं है कि इसके जवाब में मुस्लिमों को भी कट्टर बनाया जाए। इसके बाद राजदीप सरदेसाई ने ओवैसी से कहा कि आपने सीमांचल में गरीब मुस्लिमों और मुस्लिम युवाओं तक पहुँच बनाई, क्या मुस्लिमों को कट्टर बनाना भाजपा का जवाब है? इसके जवाब में ओवैसी ने कहा कि ये कॉन्ग्रेस पार्टी की ‘इंटेलेक्टुअल बेईमानी’ का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि अगर वो कोई चुनाव लड़ रहे हैं तो वो इसीलिए क्योंकि युवाओं को कोई कट्टर न बनाए, क्योंकि दूसरे उनकी आवाज़ को नहीं उठाते। ओवैसी ने पूछा कि इन सबके बावजूद उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं? उन्होंने खेड़ा से कहा कि आपकी पार्टी के नेताओं ने हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के हाथ-पाँव तोड़ने की धमकी दी, एक जगह कार तोड़ डाली गई, क्या ये सब कट्टरता नहीं है? उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस हर सीट हारती है और उसके विधायक भाग जाते हैं, ये किस किस्म की राजनीति है?
उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी के साथ ये समस्या है कि वो सोचती है कि सभी उसके सामने झुकें लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि अब कॉन्ग्रेस के दिन लद गए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे कॉन्ग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे मात्र 19 सीटें मिलीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव इसीलिए लड़ती है, ताकि कट्टरता हावी न हो। उन्होंने पूछा कि राजीव गाँधी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया, क्या वो कट्टरता नहीं थी?
उन्होंने पूछा कि किसके प्रधानमंत्रीत्व काल में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया? पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि आज नरेंद्र मोदी के चेहरे पर बिहार को लेकर मुस्कान है, इसका कारण ओवैसी हैं। इसके बाद ओवैसी ने कॉन्ग्रेस को धो दिया। उनसे पूछा गया कि क्या उनका ये प्लान है कि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम वोट्स पाकर कॉन्ग्रेस को नुकसान पहुँचाएँ? इस पर ओवैसी ने पूछा कि ‘शिवसेना के साथ हनीमून’ मनाने वाली कॉन्ग्रेस बता सकती है कि क्या शिवसेना एक सेक्युलर पार्टी है?
मैं एक पोलिटिकल पार्टी का ज़िम्मेदार हूँ और पार्टी के विस्तार के लिए मैं तो चुनाव लडूंगा ही अब अगर कोई कुछ बोलता है तो उससे मुझे किया करना है? वो उसका इख्तियार है, मैं तो अपना काम जारी रखूँगा ही। – Barrister @asadowaisi pic.twitter.com/T1wp4ykLAL
— AIMIM (@aimim_national) November 10, 2020
असउद्दीन ओवैसी ने कहा कि आज भाजपा सत्ता में है, तो इसका कारण कॉन्ग्रेस ही है। उन्होंने कॉन्ग्रेस के नेतृत्व को ‘नपुंसक’ करार दिया। उन्होंने पवन खेड़ा से कहा कि आपकी पार्टी का नेतृत्व नरेंद्र मोदी से लड़ने में अक्षम है, इसीलिए भाजपा आज सत्ता में है। उन्होंने कहा कि जब तक वो ज़िंदा हैं, चुनाव लड़ते रहेंगे और सेक्युलरिज्म को ज़िंदा रखेंगे। उन्होंने कॉन्ग्रेस को ‘Mind Your Language’ कह कर उसे अपनी औकात की याद दिलाई।
कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को ‘वोट कटुआ’ कहा है। चौधरी ने कहा कि बिहार चुनाव में AIMIM भाजपा की ‘चालबाजी’ थी और उसे भाजपा ने कॉन्ग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल किया। उन्होंने सभी ‘धर्मनिरपेक्ष’ दलों से ओवैसी से सावधान रहने को भी कहा। वहीं, AIMIM का कहना है कि उन्हें वोट कटुआ कहने वालों को ‘बेफिटिंग जवाब’ मिल गया है।