कॉन्ग्रेस आईटी सेल ने आगामी लोकसभा चुनाव में दक्षिण बेंगलुरु से भाजपा प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या को बदनाम करने के लिए उनके हिन्दू रीति-रिवाजों से पूजा करने को मुद्दा बनाया है। बता दें कि हिंदुत्व में आयुध पूजा का विधान है, जिसमें अस्त्र-शस्त्र की पूजा की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विधि-विधान से आयुध पूजा में हिस्सा लेते रहे हैं। कॉन्ग्रेस को इस हिन्दू पद्धति से आपत्ति हो गई है। सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस समर्थकों व आईटी सेल के लोगों ने ट्वीट्स के माध्यम से तेजस्वी सूर्या पर निशाना साधा। इसके लिए पेड प्रमोशन का भी सहारा लिया गया। जैसा कि आप नीचे वाले ट्वीट में देख सकते हैं, जिसे प्रमोट किया गया है। प्रमोट करने से यह ट्वीट उन लोगों की टाइमलाइन पर भी दिख सकता है, जो उस यूजर को फॉलो नहीं करते।
Just like every BJP candidate getting promoted for their seamy past, even for @Tejasvi_Surya this below image will give glimpse of his undeclared profile. pic.twitter.com/JhVq6f2clI
— MSR (@MSR_Tweets) March 26, 2019
बता दें कि आयुध पूजा नवरात्री के दौरान की जाती है। इसमें हथियारों और अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाती है। माँ चामुंडेश्वरी द्वारा महिषासुर राक्षस का वध किए जाने की याद में इस प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। ख़ासकर दक्षिण भारत में ये त्यौहार ज्यादा लोकप्रिय है। हाँ, इसकी प्रक्रिया में थोड़ी-थोड़ी भिन्नताएँ हैं लेकिन आयुध पूजा दक्षिण भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है। तेजस्वी भाजपा युवा प्रदेश मोर्चा के सचिव हैं। उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री बीके हरिप्रसाद के मुक़ाबले उतारा गया है। प्रखर वक्ता माने जाने वाले सूर्या संघ से जुड़े हुए हैं। वकील सूर्या भाजपा की सोशल मीडिया टीम का भी हिस्सा हैं। यहाँ से भाजपा के दिग्गज नेता अनंत सिंह जीता करते थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में, भाजपा के पास अपना गढ़ बचाने की चुनौती है।
All anti-India forces have united to stop Modi. While Modi’s agenda is building a new & robust India, their agenda is to stop him. They have no positive agenda.
— Chowkidar Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) March 22, 2019
If you are with Modi, you are with India. If you are not with Modi, then you are strengthening anti-India forces. pic.twitter.com/k0mXzqItrG
28 वर्षीय तेजस्वी सूर्या आगामी चुनावों में सबसे युवा लोक सभा प्रत्याशियों में से एक हैं। सेक्युलर-लिबरल-लेफ्टिस्ट्स द्वारा भारतीय ख़ासकर हिन्दू पर्व-त्योहारों का मज़ाक उड़ाने और उसे बदनाम करने का सिलसिला चल निकला है। इन्हे कभी दीवाली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण नज़र आता है तो कभी होली को पानी की बर्बादी का कारण बताते हैं। कुछ दिनों पहले रूद्र हनुमान के चित्र को इन्होने निशाना बनाया था। इनका कहना था कि हनुमान के चित्र को देख कर हिंसा भड़कती है। इसी तरह एक पत्रकार ने बाघ की खाल पहनकर बैठे गणेश जी की मूर्ति को उग्रवादी बताया था। तेजस्वी के आयुध पूजा वाले चित्र को उनके तथाकथित ‘हिंसक अतीत’ से जोड़ा जा रहा है।