दिल्ली के दंगों पर भी कॉन्ग्रेस नेता राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम ने इसके बहाने बीजेपी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि जनता ‘असंवेदनशील तथा अदूरदर्शी’ नेताओं को सत्ता में पहुॅंचाने की कीमत चुका रही है। ऐसा कहते हुए उन्होंने न केवल देश के मतदाताओं की समझदारी पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी भूल गए कि इसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया ने वह सरकार चुनी थी जिसमें वे मंत्री रहे हैं।
कल दिल्ली में हुई हिंसा और जानमाल का नुकसान सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 25, 2020
चिदंबरम ने इस मसले पर कई ट्वीट किए हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून पर तत्काल प्रभाव से रोक लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक सीएए को रोक देना चाहिए। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों की बात सुननी चाहिए।
अब भी देर नहीं हुई है, सरकार को सीएए के प्रदर्शनकारियों की आवाज सुननी चाहिए और यह घोषणा करनी चाहिए कि सीएए को तब तक अपमानजनक तरीके से नहीं रखा जाएगा जब तक सुप्रीम कोर्ट इसकी वैधता पर फैसला सुनाऐ।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 25, 2020
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 150 घायल हुए हैं। घायलों में अर्द्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के कर्मी भी शामिल हैं। उपद्रवियों ने घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दिया और पथराव किया। चिदंबरम ने कहा कि सोमवार को दिल्ली में हुई हिंसा और उसमें लोगों की मौत बहुत स्तब्धकारी है और इसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘लोग असंवेदनशील और अदूरदर्शी लोगों को सत्ता में बैठाने की कीमत चुका रहे हैं। भारत में नागरिकता कानून 1955 लागू था और उसमें किसी संशोधन की जरूरत नहीं पड़ी थी। तो कानून में अब संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? संशोधन (सीएए) को तुरंत रद्द कर देना चाहिए।’’
कल दिल्ली में हुई हिंसा और जानमाल का नुकसान सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 25, 2020
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘अब भी देर नहीं हुई। सरकार को सीएए का विरोध कर रहे लोगों की बात चुनना चाहिए और घोषणा करना चाहिए कि कानून की वैधता के बारे में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक इस पर रोक रहेगी।’’
अब भी देर नहीं हुई है, सरकार को सीएए के प्रदर्शनकारियों की आवाज सुननी चाहिए और यह घोषणा करनी चाहिए कि सीएए को तब तक अपमानजनक तरीके से नहीं रखा जाएगा जब तक सुप्रीम कोर्ट इसकी वैधता पर फैसला सुनाऐ।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 25, 2020
कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने चेतावनी दी थी कि सीएए बहुत अधिक विभाजनकारी है और इसे रद्द कर देना या छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारी चेतावनी अनसुनी की गई।’’
हमने चेतावनी दी थी कि सीएए गहरा विभाजनकारी है और इसे निरस्त या छोड़ दिया जाना चाहिए। हमारी चेतावनी बहरे कानों में नहीं पड़ी
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 25, 2020
लोग सत्ता में असंवेदनशील और अदूरदर्शी नेताओं की कीमत चूका रहे हैं।