मोदी सरकार को घेरने के लिए आँकड़ों को गलत तरीके से पेश कर झूठ फैलाने के हुनर का रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर प्रदर्शन किया है। हालिया हरियाणा विधानसभा चुनाव में धूल चाटने वाले सुरजेवाला कॉन्ग्रेस के कम्युनिकेशन सेल के मुखिया हैं। उन्होंने घरेलू गैस यानी एलपीजी की कीमतों में इजाफे को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए हेराफेरी की कोशिश की है। बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत में 76. 50 रुपए की वृद्धि की गई है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की इंडेन ब्रांड एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) की कीमत ₹605 से बढ़कर ₹681.50 रुपए हो गई है।
मोदी सरकार ने मारी मंदी व महंगाई की दोहरी मार !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 1, 2019
बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस के दाम ₹77 बढ़ाये !
पिछले तीन महीनों में घरेलू गैस सिलेंडर के भाव में ₹105 का इजाफा हुआ है!
16 मई 2014-₹414
आज-₹716.50
बढ़ौतरी-₹302.5 ?
भाजपा मालामाल, जनता बेहाल।https://t.co/fp7sCVskpl
इस इजाफे को लेकर राहुल गॉंधी के करीबी सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि आज 14.2 किलोग्राम वाले LPG सिलेंडर की क़ीमत ₹716.50 है, जबकि 16 मई 2014 को इसकी क़ीमत ₹414.00 थी। यानी, तब से अब तक कीमतों में ₹302.50 का इजाफा हो चुका है। लेकिन, सुरजेवाला का यह दावा सरासर झूठ है। उन्होंने आरोप गढ़ने के लिए दो अलग-अलग कीमतों की तुलना की है।
मूल्य में यह अंतर बताने के लिए सुरजेवाला ने बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की मौजूदा कीमत की तुलना सब्सिडी वाले सिलेंडर के 2014 की कीमत से की है। लेकिन, यदि बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की आज की कीमत की तुलना 2014 से की जाए तो पता चलता है कि कीमतों में कमी आई है। IOCL की वेबसाइट पर सूचीबद्ध क़ीमतों के अनुसार, दिल्ली में 1 मई 2014 को ग़ैर-सब्सिडी वाले LPG की क़ीमत ₹928.50 थी और उसी साल जनवरी में इसकी क़ीमत ₹1241.00 थी। मौजूदा कीमत (₹681.50) से तुलना करें तो पता चलता है कि 2014 से यह ₹247.00 सस्ती है न कि ₹302.50 महॅंगी, जैसा सुरजेवाला ने दावा किया है।
ग़ौर करने वाली बात यह है कि यूपीए सरकार के दौरान सालाना सब्सिडी वाले 9 सिलेंडर मिलते थे जिसे मोदी सरकार ने बढ़ाकर 12 कर दिया है। डीबीटीएल योजना के तहत, LPG खरीदने के लिए पूरे पैसे का भुगतान करना होता है और सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में आ जाती है।
अन्य सभी पेट्रोलियम उत्पादों की तरह LPG की क़ीमतें भी बाज़ार पर निर्भर है। वैश्विक आधार पर तेल की क़ीमतें ऊपर-नीचे होती हैं। पेट्रोल और डीजल के विपरीत, LPG पर केवल 5% GST लागू होता है। इसलिए, ग़ैर-रियायती मूल्य पर सरकार का थोड़ा नियंत्रण है। लेकिन सरकार सब्सिडी राशि बदलती रहती है ताकि उपभोक्ताओं को रसोई गैस के लिए बहुत अधिक भुगतान न करना पड़े।