महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की तीन पहियों की सरकार के आगे बढ़ने से पहले ही खींचतान शुरू हो गई है। शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने के बाद कॉन्ग्रेस-एनसीपी में उपमुख्यमंत्री पद के लिए ठन गई है। कॉन्ग्रेस उपमुख्यमंत्री पद माँग रही है, जबकि एनसीपी ने इस पर अपना दावा ठोका है। अघाड़ी में कॉन्ग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष पद देने की बात हुई है।
बता दें कि कॉन्ग्रेस-एनसीपी दोनों ही पार्टियाँ स्पीकर का पद नहीं छोड़ना चाहती थीं। जिसके बाद कॉन्ग्रेस ने एनसीपी के सामने स्पीकर की पोस्ट छोड़ने के बदले दो डिप्टी सीएम के पदों का रखा प्रस्ताव रखा। दरअसल कॉन्ग्रेस चाहती है कि राज्य में एनसीपी के अलावा उनकी पार्टी का भी डिप्टी सीएम हो। हालाँकि एनसीपी दो उपमुख्यमंत्रियों पर भी सहमत नहीं है।
वहीं बताया जा रहा है कि एनसीपी की अंदरूनी राजनीति की वजह से उपमुख्यमंत्री का पद कॉन्ग्रेस के पास जा सकता है और कॉन्ग्रेस के बालासाहेब थोराट राज्य के नए उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक एनसीपी नेता अजित पवार खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। लेकिन उनकी बगावत के बाद उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाने को लेकर एनसीपी में दो राय हो गई है। इसलिए अब एनसीपी इस विवाद को टालने के लिए उप मुख्यमंत्री का पद कॉन्ग्रेस को देकर विधानसभा अध्यक्ष का पद लेना चाहती है।
यह विवाद सामने आने के बाद अजित पवार का कहना है कि ‘महा विकास अघाड़ी’ (एनसीपी-शिवसेना-कॉन्ग्रेस गठबंधन) में किसे क्या मिलेगा, यह पहले ही तय हो चुका है। बँटवारे के मुताबिक शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिला जबकि एनसीपी को उपमुख्यमंत्री तथा विधानसभा का उपाध्यक्ष पद और कॉन्ग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष का पद मिलेगा।
वैसे मामला इतना आसान नहीं है, जितना पवार बता रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कॉन्ग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी इस बात पर राजी है कि मंत्रिमंडल में एकाध जगह कम मिले परंतु उपमुख्यमंत्री पद जरूरी है क्योंकि तभी महाविकास अघाड़ी की सरकार में तीनों दलों का गठबंधन दिखेगा। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद की शपथ से पहले भी महाविकास अघाड़ी की बैठक में यह मुद्दा उठा था और तब भी कॉन्ग्रेस ने कहा था कि उसे उपमुख्यमंत्री पद नहीं मिला तो बेहतर होगा कि शिवसेना-एनसीपी मिलकर सरकार बनाएँ। वह उन्हें बाहर से समर्थन देगी।
एक तरफ जहाँ कॉन्ग्रेस की तरफ से उपमुख्यमंत्री पद की माँग की बात सामने आ रही है, वहीं पार्टी में कुछ नेता भी हैं, जो शुरू से ही यह चाहते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष का पद एनसीपी को देकर उसके बदले में दो मंत्री पद ले लिए जाएँ। अब ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि अगर विधानसभा का अध्यक्ष पद एनसीपी के हिस्से जाता है, तो कॉन्ग्रेस में मंत्री पद के लिए किसका नाम सामने आता है।
बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को 3 दिसंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया है। मगर ‘महा विकास अघाड़ी’ सरकार आज (नवंबर 30, 2019) ही महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण देने वाली है। फ्लोर टेस्ट से पहले शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने शुक्रवार (नवंबर 29, 2019) कहा, “कल फ्लोर टेस्ट हो सकता है। हम तैयार हैं। पहले हमारे पास 162 विधायक थे, अब हम 170 हैं और संख्या बढ़ जाएगी। लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि इस सरकार के पास है बहुमत।”
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