कॉन्ग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने असम के वर्तमान मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा को लेकर एक खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि जब सरमा भी कॉन्ग्रेस में थे और बाद में नाराज होकर पार्टी छोड़ दिया था। इस पर राहुल गाँधी ने कहा था, “जाने दो”। गुलाम नबी आजाद ने अपनी किताब में इन सबका जिक्र किया है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गाँधी पार्टी के किसी भी नेता को बड़ी आसानी से ‘जाने दो’ कह दिया करते थे। इस संबंध में उन्होंने एक इंटरव्यू में कॉन्ग्रेस के पूर्व नेता और हिमंता बिस्वा सरमा के साथ हुई घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिमंता हाईकमान से नाराज थे और पार्टी छोड़ने वाले थे। उस समय वे असम के कॉनग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे।
गुलाम नबी आजाद ने एक इंटरव्यू में इस किताब को लेकर बताया कि पार्टी हाईकमान को जब इसकी सूचना मिली कि हिमंता पार्टी छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, फिर भी उन्हें मनाने कि कोशिश नहीं की गई। आखिरकार हिमंता ने साल 2015 में कॉन्ग्रेस को छोड़ दिया। सरमा ने गुलाम नबी के इस किस्से पर प्रतिक्रिया दी है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने ट्विटर लिखा, “संकट को हल करने के गुलाम नबी आजाद जी के असफल प्रयास के बावजूद मैं अगले 12 महीनों तक कॉन्ग्रेस पार्टी में बना रहा। उन 12 महीनों की कहानी काफी दिलचस्प है। मैंने आखिरकार अगस्त 2015 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी।”
Despite the unsuccessful attempt of @ghulamnazad ji to resolve the crisis ,I continued in the Congress party for another 12 months. The story of those 12 months is quite fascinating. I ultimately left the Congress party in August 2015. https://t.co/FXgKdfyZ8r
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 8, 2023
हिमंता द्वारा राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के दौरान के हालात को याद करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, “बजट सत्र के बाद मई-जून का महीना रहा होगा। मुझे अहमद पटेल का लैंडलाइन पर फोन आया। उन्होंने कहा कि मैडम आपसे बात करेंगी। सोनिया गाँधी जी ने फोन लिया और मेरी बात शुरू हुई।”
गुलाम नबी आजाद ने आगे बताया कि सोनिया गाँधी ने उनसे कहा, “आप कहाँ हैं? मैंने कहा कि मैं श्रीनगर हूँ। वो बोलीं कि मैं तो आपको दिल्ली में खोज रही हूँ। आप तुरंत दिल्ली आ जाएँ। अगर जहाज न हो तो मैं दिल्ली से भेज देती हूँ। मैंने कहा कि नहीं-नहीं यहाँ गर्मियों में हर 10-20 मिनट में जहाज मिलती है।”
कॉन्ग्रेस के पूर्व नेता आजाद ने बताया कि इसके बाद सोनिया गाँधी ने उनसे कहा कि असम में राजनीतिक संकट खड़ी हो गई है। हिमंता 40-45 विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा सौंप दिया है। सरकार गिर रही है। सोनिया गाँधी ने उनसे कहा, “मुझे मालूम चला कि हिमंता और राज्यपाल से आपके मधुर रिश्ते हैं। आप उनको मनाने की कोशिश कीजिए।”
गुलाम नबी आगे कहते हैं, “मैंने सोनिया गाँधी को पूरी स्थिति बता दी और कहा कि अगर आप कहें तो हम लोग असम जाकर सीएम को बदल दें। इस पर उन्होंने हामी भर दी। हम सुबह असम के लिए रवाना होने वाले थे।”
इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने जो बात बताई वह राहुल गाँधी की राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है। आजाद ने आगे बताया कि उसी दिन शाम को राहुल गाँधी का उनके पास फोन आया। गुलाम नबी बताते हैं, “राहुल जी ने कहा कि सुना है आप सीएम बदलने जा रहे हैं। हमने जवाब दिया कि हाँ। तब राहुल जी ने कहा कि मत जाइए। पहले मेरे पास आइए।”
गुलाब नबी जब राहुल गाँधी के पास पहुँचे तो देखा कि वहाँ असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और उनका बेटा गौरव गोगोई बैठकर चाय पी रहे थे। राहुल गाँधी ने गुलाम नबी से कहा, “आप सीएम के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।” तब गुलाम नबी ने कहा, “नहीं मैडम ने जो टास्क दिया है, उसे पूरा करने जा रहे हैं।”
गुलाम नबी ने आगे बताया कि उन्होंने राहुल गाँधी से कहा, “हिमंता के पास नंबर ज्यादा है। वो पार्टी छोड़कर चला जाएगा तो…… तब राहुल गाँधी बोले कि जाने दो। जिसको RSS में जाना है, जाने दो।” आजाद ने बताया कि राहुल गाँधी का ताकिया कलाम है ‘जाने दो, जाने दो उसे आरएसएस में’।
Sir @OfficeOfRG,who knows him better than me.Still remember you busy feeding biscuits 2 him while We wanted to discuss urgent Assam's issues https://t.co/Eiu7VsuvL1
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 29, 2017
सरमा को लेकर राहुल गाँधी की की नजरिया का एक और किस्सा है। असम में बड़े नेता होने के बावजदू सरमा को गोगोई सरकार में पर्याप्त सम्मान नहीं मिला। इसके बाद वे राहुल गाँधी से मिलने की लगातार कोशिश करने लगे। कई मुश्किल प्रयासों के बाद अंतत: उन्हें राहुल गाँधी से मिलने का समय मिला।
Mr. Rahul Gandhi, those who prefer to feed biscuits to dogs in the presence of leaders from Assam and then offer them the same biscuits should be the last people to talk about political decency.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 2, 2022
High command mindset is INC’s be all and end all. The people of India know it well.
जब सरमा राहुल गाँधी से मिलने गए तो राहुल गाँधी उनकी बात सुनने के बजाय अपने कुत्ते ‘पिद्दी’ को बिस्किट खिलाते रहे थे। बाद में सरमा ने ये भी दावा किया कि राहुल गाँधी का कुत्ता पिद्दी जिस प्लेट से बिस्किट खा रहा था, कॉन्ग्रेस के कुछ नेता भी उसी प्लेट से बिस्किट खाते रहे।