Saturday, November 16, 2024
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कन्हैया कुमार के ख़िलाफ़ CPI ने पारित किया सेंसर प्रस्ताव, पटना में समर्थकों के साथ प्रदेश सचिव से मारपीट और बदसलूकी का आरोप: रिपोर्ट

कन्हैया के समर्थकों ने प्रदेश कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ बदसलूकी और धक्का-मुक्की कर डाली। बताया गया कि इस मामले पर कन्हैया कुमार और उनके साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय नेतृत्व से कार्रवाई की माँग की गई थी।

JNU के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने सेंसर प्रस्ताव पारित किया है। समाचार पत्र ‘द हिंदू’ के अनुसार, कन्हैया के ख़िलाफ़ ये कार्रवाई पटना में कार्यालय सचिव इंदू भूषण के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद हुई। इससे पहले, इस संबंध में फैसला हैदराबाद में नेशनल काउंसिल बैठक के दौरान 31 जनवरी 2021 को लिया गया था।

बता दें कि 1 दिसंबर 2020 को कन्हैया कुमार पटना में अपने समर्थकों के साथ कार्यालय पहुँचे थे। जानकारी के मुताबिक, वहाँ बेगुसराय जिले काउंसिल को लेकर बैठक होनी थी लेकिन उसके स्थगित होने की खबर कन्हैया कुमार को नहीं मिली।

इतनी सी बात पर कन्हैया के समर्थकों ने प्रदेश कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ बदसलूकी और धक्का-मुक्की कर डाली। बताया गया कि इस मामले पर कन्हैया कुमार और उनके साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय नेतृत्व से कार्रवाई की माँग की गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार इस घटना पर कई स्रोतों से पुष्टि हुई मगर दिग्गज नेतृत्व ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। कन्हैया कुमार ने बाद में इस मसले पर सफाई देते हुए कहा कि वो इस हिंसा का हिस्सा नहीं थे। वहीं, एक वरिष्ठ नेता के भी हवाले से कहा गया, “अगर कुछ लोगों के व्यवहार से किसी की भावनाएँ आहत हुई हैं, तो वह अपनी ओर से माफी माँगते हैं।”

गौरतलब है कि सेंसर मोशन पारित किए जाने पर ‘द हिंदू’ ने कन्हैया की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की मगर उन्होंने ऐसी कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया। उन्होंने तो पटना में हुई हिंसा की बात को भी नकारा। वह बोले, “लेफ्ट, भाजपा जैसा बर्ताव नहीं करती। हमारी पार्टी के भीतर किसी एक के बीच व्यक्तिगत मतभेद नहीं हैं; अगर हम में से किसी को वैचारिक घर्षण हुए तो एक अनुशासित पार्टी में शांति से हल भी हो गया।”

बता दें कि कन्हैया कुमार के साथ विवाद आए दिन जुड़ते जा रहे हैं। पिछले साल फरवरी में दिल्ली सरकार ने उनके ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस चलाने की अनुमति दी थी। उससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में स्थानीय लोगों ने यह बताया था कि कन्हैया के समर्थकों ने उनसे भी मारपीट की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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