कॉन्ग्रेस पार्टी में अब महिला कार्यकर्ताओं का असंतोष सामने आ रहा है। उत्तराखंड की राजधानी में महिला कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं की राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में पार्टी की सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। उन सभी ने राज्य सरकार की आलोचना तो की ही, लेकिन उपस्थित कॉन्ग्रेस पदाधिकारी तब चकित रह गए जब उन महिलाओं ने अपनी ही पार्टी की आलोचना शुरू कर दी। महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी में मेहनत करने वालों को टिकट नहीं दिया जाता।
ये बैठक देहरादून के राजीव भवन में हुई। महिला कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने साफ़ कहा कि जब राजनीति में भागीदारी की बात आती है तो सांसदों और विधायकों की पत्नियों को टिकट दे दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ज़मीन पर मेहनत करने वाली महिला कार्यकर्ताओं की पार्टी में कोई इज्जत नहीं है। उन्होंने प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्ष को सम्बोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी महिलाओं की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसदों व विधायकों की जिन पत्नियों को टिकट दिया जाता है, उनका पार्टी के कार्यक्रमों से कोई लेना-देना नहीं होता।
महिला कॉन्ग्रेस की कार्यकर्ताओं ने इसे उत्पीड़न करार दिया। उन्होंने पूछा कि मेहनत करें कार्यकर्ता और टिकट दिए जाएँ पैसे वालों को? कार्यकर्ताओं का गुस्सा देख कर पार्टी प्रभारी परविंदर कौर और प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य से कुछ कहते नहीं बना। वो दोनों कार्यकर्ताओं की बातों को सुनती रह गईं। महिलाओं ने कहा कि कॉन्ग्रेस को ये समझने की ज़रूरत है कि महिलाएँ किसी भी स्तर पर कम नहीं हैं। उन्होंने आधी आबादी को समान प्रतिनिधित्व दिए जाने की भी वकालत की।
महिला कॉन्ग्रेस की कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनकी बातों को पार्टी आलाकमान के सामने उठाने की ज़रूरत है। बता दें कि कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष इस वक़्त सोनिया गाँधी हैं। महिला अध्यक्ष के रहते पार्टी में महिलाओं द्वारा इस तरह के आरोप लगाना कॉन्ग्रेस के लिए चिंता का विषय बन सकता है।