Sunday, November 17, 2024
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शाहीन बाग में सबको राशन, हिंदू मोहल्ले के लोगों को कीड़ा-मकोड़ा कह भगाया: MLA अमानतुल्लाह के क्षेत्र की हकीकत

"तुम लोग यहाँ से जाओ, तुम हमें वोट भी नहीं देते, तुम लोग उस तरफ से आते हो, वहाँ के लोग कीड़े-मकोड़े हैं, उन्हें कौन पूछता है।" - IIT दिल्ली में पीएचडी स्कॉलर रोहित ने हड्डो मोहल्ला की सच्चाई का खुलासा करते हुए अपने ट्विटर पर कुछ वीडियोज बतौर प्रमाण डाले हैं।

कोरोना महामारी के समय में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले गरीब-मजदूर वर्ग पर अब धर्म/मजहब व राजनीति की गाज गिरने लगी है। वाकया राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित ओखला में सरिता विहार इलाके का है। जन-प्रतिनिधित्व की बात करें तो अमानतुल्लाह खान इस इलाके के विधायक हैं।

खबर है कि यहाँ पर शाहीन बाग से सटी बस्तियों में तो चुन-चुनकर लोगों को राशन बाँटा जा रहा है। मगर, वहीं थोड़ी दूर स्थित दूसरी बस्ती (हड्डो मोहल्ला) के लोगों को राशन देने की बजाय कीड़े-मकोड़ा बोलकर भगा दिया जा रहा है और उन्हें उलाहना दी जा रही कि वे लोग उन्हें वोट नहीं देते।

ओखला के हड्डो मोहल्ला में गरीबों से जुड़ी इस कड़वी सच्चाई का खुलासा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रोहित कुमार चौधरी ने किया है। रोहित ओडिशा के निवासी हैं। मगर दिल्ली में रहते हैं क्योंकि वो आईआईटी में पीएचडी स्कॉलर हैं।

रोहित बताते हैं कि लॉकडाउन के समय में असहायों को सहायता पहुँचाने के लिए वे कुछ दोस्तों के साथ मिलकर अपने स्तर पर फंड इकट्ठा करते हैं और आसपास के इलाकों का सर्वे करते हैं। फिर, जो लोग उन्हें ज्यादा जरूरतमंद लगते हैं, वे उनको व्यक्तिगत रूप से राशन मुहैया कराते हैं।

इसी कड़ी में रोहित, सरिता विहार के कई इलाकों का सर्वे कर चुके हैं और कुछ दिन पहले मदनपुर खादर की नहर के दाहिने तरफ स्थित हड्डो मोहल्ले में भी गए थे। जिसके बाद से उन्हें वहाँ से कई बार राशन के लिए फोन आने लगे।

लगातार राशन की माँग को देखते हुए रोहित कल दोबारा हड्डो मोहल्ले में गए और जब उन्होंने लोगों बातचीत की, तो वहाँ के निवासियों ने उक्त हकीकत का खुलासा किया।

लोगों ने रोहित को बताया कि जब वे राशन के लिए दुकानों पर जाते हैं तो उन्हें ये कहकर भगा दिया जाता है, “तुम लोग यहाँ से जाओ, तुम हमें वोट भी नहीं देते, तुम लोग उस तरफ से आते हो, वहाँ के लोग कीड़े-मकोड़े हैं, उन्हें कौन पूछता है।”

रोहित बताते हैं कि उनसे बातचीत के दौरान लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि नहर के बाईं ओर स्थित बस्ती (शाहीन बाग से सटी बस्तियों) में अधिकारी राशन पहुँचाते हैं। मगर, जैसे ही वे राशन की माँग करते हैं तो उन्हें दुत्कार दिया जाता है।

बाएँ- रोहित कुमार चौधरी, दाएँ- मदन खादर के हड्डो मोहल्ले में परेशान निवासी

रोहित का कहना है कि हालाँकि वे दूसरी तरफ की बस्तियों में गए नहीं हैं। लेकिन, हड्डो मोहल्ले के लोग उन्हें बताते हैं कि दूसरी बस्ती के लोग भी उन्हीं जैसे हैं। पर फिर भी राशन बाँटने वाले उन्हीं के साथ भेदभाव करते हैं।

हैरानी की बात है कि सर्वे के दौरान रोहित को लगभग हर जगह से इन बातों का मालूम चला कि वहाँ राशन बाँटने वाले दूसरे मजहब के लोगों की लिस्ट बना-बनाकर उन्हें सहायता पहुँचा रहे हैं। लेकिन अन्य धर्म के लोगों को साइड कर देते हैं।

रोहित ने हड्डो मोहल्ला की सच्चाई का खुलासा करते हुए अपने ट्विटर पर कुछ वीडियोज बतौर प्रमाण डाले हैं। वीडियों मे हम देख सकते हैं कि वहाँ रहने वाले लोग राशन न मिल पाने के कारण कितने परेशान हैं और बता रहे हैं, “हम लोग 3-4 बार गए, हमें एक भी बार राशन नहीं दिया गया। जबकि दूसरी ओर के लोगों को दे दिया गया।”

रोहित ने इन लोगों से पूछा कि जब आप लोग राशन लेने गए तो वहाँ क्या बात हुई? इस पर महिलाएँ बताती हैं, “हमें ब्रह्म सिंह ने बताया था कि तुम लोग जाओ वहाँ, गरीबों को राशन मिल रहा है। जब हम वहाँ गए तो हमें बोला गया कि जाओ पर्ची बनवाकर आओ, जब हम पर्ची बनवाकर आए तो उन्होंने पूछा कि तुम कहाँ से आते हो? हमने बताया हम नहर पार से आते हैं।”

महिलाएँ बताती हैं कि इसे सुनने के बाद उन्हें राशन देने की बजाय कहा गया कि तुम लोगों के लिए राशन नहीं है, तुम लोग हमें वोट नहीं देते हो। जिस पर निवासियों ने कहा, “भैया मुस्लिम भी तुम्हें वोट नहीं देते। पर तुम नहर किनारे वाली बस्तियों में ढो-ढो के राशन दे रहे हो। एक-एक किलो हमें भी दे दो।”

महिला के मुँह से ऐसी बातें सुनकर राशन बाँटने वाले उन पर भड़क गए और महिला पुलिस बुलाने की धमकी देने लगे। जब निवासियों ने ज्यादा जोर दिया तो उन्हें कहा गया कि वे जिस बोतल में पर्ची डालकर गए थे, उसमें आग लगा दी गई है।

मदनपुर खादर में हड्डो मोहल्ला में गुजर-बसर कर रहे इन लोगों का कहना है कि वे क्षेत्र के विधायक अमानतुल्लाह खान के पास दो-तीन बार गए। पर उन्होंने हर बार उन्हें वापस उन्हीं दुकानों पर भेज दिया, जहाँ उन्हें कोई सामान नहीं मिला और लंबी-लंबी लाइन लगवाकर ये कह दिया गया कि वे वापस अपने घर जाएँ।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के समय में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित देश का गरीब वर्ग हुआ है। जिसके हालात जानते-समझते हुए केंद्र सरकार लॉकडॉउन के पहले चरण से ही इस वर्ग के लोगों की पीड़ा कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मगर, इस संकट की घड़ी में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मानवता दिखाने की बजाय जगह-जगह अपनी राजनीति कर रहे हैं।

याद दिला दें कि पिछले दिनों ऐसा मामला पाकिस्तान से आया था। जहाँ दूसरे समुदाय को चुन-चुनकर राशन बाँटा जा रहा था और अल्पसंख्यकों को भूख से तड़पने के लिए मजबूर किया जा रहा था। वहाँ भी लोगों की भाषा बिलकुल ऐसी थी, जैसे शाहीन बाग से सटी बस्तियों में राशन बाँटने वाले अधिकारियों की है।

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