Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय...अगर आप हिंदू हैं तो भूख से मरिए, कोरोना बाद में मारेगा: वायरल विडियो...

…अगर आप हिंदू हैं तो भूख से मरिए, कोरोना बाद में मारेगा: वायरल विडियो से समझें पाकिस्तान की हकीकत

विडियो में व्यक्ति लाचार होकर बता रहा है कि सिंध प्रांत में प्रशासन ने हिंदू-ईसाई समुदाय के लोगों को राशन देने से मना कर दिया है। उनकी मदद नहीं की जा रही है। उन्हें खाना नहीं दिया जा रहा है।

कोरोना के कहर के बीच भी पाकिस्तान ने अपने मुल्क में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ अत्याचार और भेदभाव करने वाले रवैये को बरकरार रखा है। खबर आई है कि वहाँ एक ओर प्रधानमंत्री इमरान खान कोरोना से लड़ने के लिए इस्लाम को बड़ी ताकत मान रहे हैं, तो दूसरी ओर राहत कार्य में जुटा उनका प्रशासन हिंदुओं और इसाइयों को दाने-दाने के लिए तरसा रहा है।

एएनआई न्यूज एजेंसी ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की हालत बयां करने वाली एक विडियो जारी की है। इस विडियो में एक व्यक्ति अपनी और अपने समुदाय के लोगों की पीड़ा बताते नजर आ रहा है। हम देख सकते हैं कि विडियो में व्यक्ति लाचार होकर बता रहा है कि सिंध प्रांत में प्रशासन ने हिंदू-ईसाई समुदाय के लोगों को राशन देने से मना कर दिया है। उनकी मदद नहीं की जा रही है। उन्हें खाना नहीं दिया जा रहा है।

व्यक्ति कहता है, ”हम भी यहीं के बाशिंदे हैं। हम भी पाकिस्तानी हैं। तो हमारा भी ख्याल करना चाहिए। जैसे सब लोगों के साथ कॉपरेट करते हैं। हमारे साथ भी करना चाहिए। हमारे पास भी छोटे-छोटे बच्चे हैं। हम भी गरीब लोग हैं। यहाँ के रहने वाले। मगर फिर हमारे साथ कोई कॉपरेट क्यों नहीं करता। दूसरे लोगों को दिया जाता है। हमें नहीं दिया जाता। ये गलत है न!”

पाकिस्तानी हिंदू-ईसाई समुदाय के इस सदस्य के मुताबिक, कोरोना इस समय सबके लिए तबाही बना हुआ है। ये किसी धर्म-मजहब को नहीं देखता। लेकिन फिर भी पाकिस्तानी प्रशासन उनके साथ कोई कॉपोरेट नहीं करता। बस बहुसंख्यक आबादी की मदद करता है।

गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण इमरान खान ने 30 मार्च को अपने देश की जनता को संबोधित किया था। मगर यहाँ उनकी बातों में गंभीरता बिलकुल नजर नहीं आई थी। उन्होंने इस बातचीत में अपने लोगों को न घर में रहने की गुहार लगाई थी, बल्कि लॉकडाउन के पूरे कॉन्सेप्ट को ही खारिज कर दिया था। इमरान खान ने इस दौरान देशवासियों को मजहब का हवाला दिया था और इमान का पाठ पढ़ाया था। इसके बाद वे अपने मुल्क के लोगों को उन इस्लामिक देशों के बारे में बताते नजर आए थे, जो सबसे ज्यादा खैरात देते हैं। फिर इस लड़ाई को लड़ने के लिए जनता को जागरूक करने से ज्यादा अपने देश के युवाओं पर विश्वास जताया था और कहा था कि अब इन दोनों ताकतों (इमान और युवा) का उन्हें इस्तेमाल करना है ताकि कोरोना से लड़ा जा सके।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -