पूर्वी दिल्ली के कोंडली निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मनोज कुमार को दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने साल 2013 में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान एक पोलिंग स्टेशन के पास उत्पाती बर्ताव करने और सरकारी कर्मचारी के काम में रुकावट डालने का दोषी करार दिया है। विधायक के खिलाफ पुलिसवालों की गवाहियों को भरोसेमंद पाते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने मनोज कुमार को आईपीसी की धारा 186 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 131 के तहत दोषी ठहराया है।
Delhi court convicts AAP MLA Manoj Kumar for obstructing polling process https://t.co/OjYrbFHLFx
— TOI Cities (@TOICitiesNews) June 11, 2019
अदालत ने बचाव पक्ष की इस दलील को ठुकरा दिया कि महज पुलिसवालों की गवाहियों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। एसीएमएम विशाल ने कहा कि कानून में ऐसी कोई प्रीपोजिशन नहीं है कि निष्पक्ष गवाहों से मेल खाने के बावजूद पुलिसवालों की गवाहियों को मंजूर न किया जाए। हर व्यक्ति से ईमानदारी के साथ काम करने की उम्मीद की जाती है और यह कल्पना पुलिसवालों पर भी उतनी ही लागू होती है जितनी किसी दूसरे व्यक्ति पर। पुलिसवालों की गवाहियों को महज इस आधार पर ठुकराया नहीं जा सकता कि वे पुलिस बल से जुड़े हैं और जाँच और अभियोजन के केस के सफल होने में उनका हित जुड़ा है। ऐसे साक्ष्यों को न्यायिक विवेक के साथ और व्यक्तिगत रूप से परखने की जरूरत पड़ती है। सिर्फ इसीलिए कि वे पुलिसवाले हैं, उनके पक्ष पर शक करने का आधार नहीं बन सकता। अदालत ने कहा कि मामले में अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्य भरोसे के लायक हैं। वे संदेह से परे केस को साबित करने में सफल रहे।
गौरतलब है कि, ये मामला मनोज और उनके 50 समर्थकों द्वारा एमसीडी स्कूल के मुख्य द्वार के बाहर हंगामा करने से संबंधित है। इन पर आरोप है कि इन लोगों ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही स्कूल का मेन गेट बंद कर दिया था। 4 दिसंबर 2013 में कल्याणपुरी थाने में दर्ज केस के मुताबिक आप विधायक ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कल्याण पुरी स्थित एमसीडी प्राइमरी स्कूल पर बने पोलिंग स्टेशन पर उत्पाती बर्ताव किया। वहाँ दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान हो रहा था। आप विधायक ने वहाँ चुनाव कराने में लगे पुलिस वालों के काम में रुकावट डाली, पुलिस कॉन्स्टेबल को धमकाया और पुलिवालों समेत चुनाव अधिकारियों को पोलिंग बूथ के अंदर बंद कर दिया। इतना ही नहीं, मनोज कुमार और उनके समर्थकों ने मतदान समाप्त होने के बाद भी अपना आंदोलन जारी रखा और बूथ के बाहर EVM बक्से को ले जाने की अनुमति नहीं दी।
इस अपराध के लिए मनोज कुमार को मिलने वाली सजा पर 25 जून को सुनवाई होगी। ये सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट समर विशाल द्वारा की जाएगी। ऐसी संभावना है कि आप विधायक को अधिकतम तीन महीने के लिए जेल में रखा जा सकता है या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है।