दिल्ली सरकार की शराब नीति के खिलाफ भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है जिसमें केजरीवाल सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में मादक पेय और दवाओं के उत्पादन, वितरण और खपत पर रोक लगाने का निर्देश देने की माँग की गई है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, यह याचिका भारतीय जनता पार्टी के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है, जिन्होंने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने पिछले सात वर्षों में शराब और नशीले पदार्थों की खपत और उत्पादन को प्रतिबंधित / नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने के बजाय, दिल्ली को ‘भारत की शराब राजधानी’ बना दिया है। उनका कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि दिल्ली में कुल 280 नगरपालिका वार्ड हैं और 2015 तक, केवल 250 शराब की दुकानें थीं यानी औसतन हर नगरपालिका वार्ड में एक शराब की दुकान और 30 वार्ड में एक भी शराब की दुकान नहीं थी। जबकि, केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति के तहत, शराब की दुकानों की संख्या में भारी वृद्धि करने की योजना बना रही है और यह प्रत्येक नगरपालिका वार्ड में लगभग तीन शराब की दुकानें होगी जो न केवल मनमाना और तर्कहीन है, बल्कि कानून के शासन के साथ-साथ अनुच्छेद 14 और 21 के तहत गारंटीकृत स्वास्थ्य के अधिकार का भी हनन है।
याचिका में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली को शराब की राजधानी बनाने पर तुली है। अपनी इसी नीति के तहत वह न सिर्फ रिहायशी इलाकों, राशन की दुकानों, मेन मार्किट बल्कि अस्पतालों, स्कूलों और यहाँ तक कि मंदिरों के पास भी शराब की दुकान खोलने का लाइसेंस बाँट रही है।
हाई कोर्ट में यह मामला जस्टिस DN पटेल और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच के पास लिस्टेड थी जिसे मौखिक रूप से सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई तक स्थगित कर दिया है। हालाँकि मामले में दिल्ली सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है।
क्या है केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति में
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत राजधानी को 32 जोन में बाँट कर 849 लाइसेंस आवंटित किए गए। इसके तहत प्रत्येक जोन में 26-27 दुकानें संचालित हैं। हर इलाके में आसानी से शराब उपलब्ध हो, इसके लिए दिल्ली के 272 वार्ड को जोन में विभाजित किया गया है। एक जोन में आठ से नौ वार्ड शामिल हैं और हर वार्ड में अनिवार्य तौर पर तीन से चार दुकानें खुलेंगी।
कभी दिल्ली को शराब माफियाओं से मुक्त कराने का दम भरने वाले केजरीवाल के आज खुलेआम हर गली-नुक्कड़ पर शराब की दुकान खोलने से लेकर होम डिलीवरी तक की घोषणा के बाद बीजेपी दिल्ली के सभी वार्डों में आम आदमी पार्टी सरकार का विरोध कर रही है।
केजरीवाल सरकार की विनाशकारी शराब नीति पर भाजपा दिल्ली में जनमत पत्र के माध्यम से जनता की राय ले रही है। इसी क्रम में सरिता विहार व जसोला में जनता से जनमत पत्र भरवाते पार्टी के कार्यकर्ता। #SharabThekeKaJanmat pic.twitter.com/OH8sZ5Q6wm
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) March 4, 2022
इसके लिए बाकायदा जनमत संग्रह कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें जनता भी दिल्ली सरकार के विरोध में खुलकर बोल रही है।
केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति का जनता कर रही है विरोध। #SharabThekeKaJanmat pic.twitter.com/334s09Cj8U
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) March 4, 2022
बीजेपी के प्रवक्ता नवीन जिंदल ने ट्वीट कर सवाल पूछा, “मोहल्ला सभा का वादा करके सत्ता में आया महाठग केजरीवाल आज हर मोहल्ले में शराब के ठेके खोल रहा है। जिससे दिल्ली की जनता बहुत परेशान है स्वराज और गाँधी जी की बात करने वाला अब शराब का ‘ठेकेदार बन बैठा है।”
मोहल्ला सभा का वादा करके सत्ता में आया महाठग @ArvindKejriwal आज हर मोहल्ले में शराब के ठेके खोल रहा है। जिससे दिल्ली की जनता बहुत परेशान है
— Naveen Kumar Jindal 🇮🇳 (@naveenjindalbjp) March 4, 2022
स्वराज और गाँधी जी की बात करने वाला अब शराब का ‘ठेके’दार बन बैठा है।#SharabThekeKaJanmathttps://t.co/05z49B0fSD pic.twitter.com/dovTEqrWLM
बता दें कि बीजेपी लगातार दिल्ली में केजरीवाल के शराब नीति का विरोध कर रही है। हाल ही में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और केजरीवाल सरकार को घेरते हुए सवाल पूछा था, “उप मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री क्या बोलते हैं! अरविंद केजरीवाल ने अपनी पुस्तक ‘स्वराज’ में लिखा था कि शराब का एक ठेका खोलने पर नेताओं और अफसरों की जेब भरी जाती है। दिल्ली में हजारों की संख्या में ठेके खोले गए हैं, तो आप की सरकार ने कितनी घूस खाई है?”
उप मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री क्या बोलते हैं!@ArvindKejriwal ने अपनी पुस्तक ‘स्वराज’ में लिखा था कि शराब का एक ठेका खोलने पर नेताओं और अफसरों की जेब भरी जाती है।
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) January 3, 2022
दिल्ली में हजारों की संख्या में ठेके खोले गए हैं, तो आप की सरकार ने कितनी घूस खाई है? https://t.co/99WnyKiogx pic.twitter.com/vbTTlAOvHm
वहीं आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास भी कई बार केजरीवाल की शराब नीति के लिए उन्हें लताड़ लगा चुके हैं। कुमार विश्वास ने तब ट्वीट करते हुए लिखा था, “पीनेवालों की उम्र 21 से 18 करने और 1000 नए ठेके खुलवाने की नीति लागू करने की सिफारिश लेकर 2016 में दिल्ली शराब माफिया, दारू जमाखोर विधायक के साथ मेरे पास आया था। मैंने दुत्कार कर भगाया था और दोनों नेताओं को चेताया था। अब छोटेवाले के साले ने 500 करोड़ की डील में मामला सेट कर लिया है।”
पीनेवालों की उम्र 21 से 18 करने और 1000 नए ठेके खुलवाने की पालिसी लागू करने की सिफ़ारिश लेकर 2016 में दिल्ली शराब माफिया,दारू जमाख़ोर विधायक के साथ मेरे पास आया था।मैंने दुत्कार कर भगाया था और दोनों नेताओं को चेताया था।अब छोटेवाले के साले ने 500 करोड़ की डील में मामला सैट कर लिया https://t.co/xzETqY4CET
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 3, 2022