दिल्ली चुनाव के लिए सभी सीटों पर मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। कुल 1.47 करोड़ मतदाता अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भाजपा और कॉन्ग्रेस के भाग्य का फ़ैसला करेंगे। केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन ने कहा है कि ये सत्य और असत्य के बीच की लड़ाई है। वहीं उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि शिक्षा और बच्चों के भविष्य के लिए वोट करें। शाहीन बाग़ में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं क्योंकि वहाँ 2 महीने से सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के नाम पर उपद्रव चल रहा है।
सुबह 8 बजे मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई, जो शाम 6 बजे तक चलेगी। कुल मिला कर देखें तो सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है। जहाँ दिसंबर तक केजरीवाल की पार्टी आगे दिख रही थी, वहीं पल-पल बदलते समीकरण के बीच भाजपा ने पूरे खेल को ही बदल कर रख दिया है। केन्दीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद भी इस चुनाव की बागडोर अपने हाथों में रखी और घर-घर जाकर पर्चे बाँटे, रोड शो किए और रैलियाँ की।
कच्ची कॉलनियों को पक्का कर के 40 लाख लोगों को फ़ायदा पहुँचाने के फ़ैसले को पीएम मोदी ने अपनी रैलियों के केंद्र में रखा। कपिल मिश्रा, तजिंदर बग्गा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर के बयान इस दौरान काफ़ी चर्चा में रहे। इन नेताओं के बयानों पर विपक्षी दल भी खेलते रहे। जहाँ पहले केजरीवाल की पार्टी तय कर रही थी कि मुद्दा क्या होगा, बाद में वो हनुमान चालीसा पढ़ कर और मंदिर-मंदिर घूम कर ख़ुद भाजपा की पिच पर खेलने लगे। उनका दावा है कि सब ‘पवित्र शक्तियाँ’ उनकी ही पार्टी के साथ हैं।
यमुना बैंक से भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने कहा है कि जनता आज वोट डाल कर सर्जिकल स्ट्राइक का हिसाब करेगी। परिवार के साथ वोट डालने पहुँचे मिश्रा ने कहा कि जैसे-जैसे जनता वोट देगी जाएगी, शाहीन बाग़ का तम्बू हटता जाएगा। वहीं अमित शाह ने ट्वीट कर अपील करते हुए कहा कि झूठ और वोट बैंक की राजनीति से अलग एक मजबूत इरादों वाली सरकार बनाएँ। शाहीन बाग़ में भी वोटरों की लम्बी कतार देखने को मिल रही है।केजरीवाल की पार्टी से अमानतुल्लाह ख़ान यहाँ से विधायक हैं, जिनका मुक़ाबला भाजपा के ब्रह्म सिंह बिधुरी से है।
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— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) February 7, 2020
दिल्ली में करीब डेढ़ करोड़ वोटर हैं। 2015 के विधानसभा में करीब 67 फीसदी मतदान हुआ था। यदि इस बार भी ऐसा हुआ तो एक करोड़ के करीब वोट पड़ेंगे। दिल्ली में इस वक्त भाजपा के सदस्यों की संख्या 62 लाख के करीब है। यदि इन सभी ने बीजेपी के लिए वोट डाले तो 11 फरवरी को करिश्मा तय है।
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