प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक और भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह (42 दिन) में सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया है। स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकारी बंगले को फिर से आवंटित करने की माँग की थी।
बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का इसी साल अप्रैल में राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद भाजपा सरकार ने उनसे सरकारी आवास खाली कराने का नोटिस भेजा था। इस नोटिस के विरुद्ध में स्वामी दिल्ली हाईकोर्ट चले गए थे।
#Breaking Delhi HC directs former BJP Rajya Sabha MP Subramanian Swamy to hand over possession of his government bungalow to the estate officer within six weeks. #DelhiHighCourt @Swamy39 #Bungalow pic.twitter.com/zAt6vMs4mG
— Bar & Bench (@barandbench) September 14, 2022
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका देते हुए स्वामी ने तर्क दिया था कि उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। इसलिए उनके सुरक्षा खतरा को देखते हुए उनके बंगले को फिर से आवंटित की जाए। हालाँकि, केंद्र ने स्वामी के पक्ष का विरोध करते हुए कहा कि इस बंगले को अन्य मंत्रियों एवं सांसदों को आवंटित करना है।
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी को उनकी जान को खतरा होने के आंकलन के आधार पर जनवरी 2016 में केंद्र सरकार ने 5 साल के लिए उन्हें दिल्ली में एक बंगला अलॉट किया गया था। इसके साथ ही उनकी सुरक्षा को भी बढ़ा दिया था।
अब दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (14 सितंबर 2022) के अपने फैसले में स्वामी को छह सप्ताह के भीतर अपने सरकारी बंगले को संपत्ति अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया। बता दें कि स्वामी के सांसद बनने के पहले ही उन्हें बंगला अलॉट किया गया था।
हाईकोर्ट के इस निर्णय पर स्वामी ने रिपब्लिक टीवी से कहा कि अगर उनकी सुरक्षा को लेकर अगर हर कोई संतुष्ट हो जाए तो वह बंगाल खाली कर देंगे। उन्होंने कहा, “अब आदेश आ गया है और हम बंगला खाली कर देंगे। हमने अदालत से कहा है कि अगर सुरक्षा से सभी संतुष्ट हैं तो हम खाली करने के लिए तैयार हैं।”
स्वामी ने कहा, “उस समय राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री थे। ऐसा नहीं है कि यहाँ आने के लिए मैंने आवेदन दिया था। मैं इसलिए वहाँ स्थानांतरित हुआ, क्योंकि उन्होंने कहा कि सुरक्षा उद्देश्यों के लिए घर को सिक्योर करना है। मेरे पास जेड सुरक्षा है जो कि एक नागरिक के लिए सर्वोच्च है और यही कारण है कि मैं स्थानांतरित हुआ। फिर मैं संसद सदस्य बन गया और बंगले का हकदार बन गया।”
सांसद के रूप में अपने कार्यकाल की समाप्ति को लेकर स्वामी ने कहा, “मैंने सिक्योरिटी को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या पुराना समझौता जारी रहेगा। इस बीच शहरी विकास मंत्रालय मुझसे थोड़ा नाराज था। इसलिए उसने मुझे बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेजना शुरू कर दिया। यह राय बनाने की कोशिश थी कि मैं इस घर को छोड़ना नहीं चाहता हूँ। इसलिए मैं कोर्ट गया।”