ऑनलाइन वेब पोर्टल या ऐप के जरिए लोगों के घरों में देसी और विदेशी दारू पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार शायद भूल गई है कि उन्होंने कोविड महामारी में फ्रंटलाइन पर काम करने के दौरान जान गँवाने वाले वॉरियर्स के परिवारों से कुछ वादे किए थे। लिहाजा एक पुलिसकर्मी की विधवा को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खत लिखना पड़ा है। वे सालभर से दिल्ली सरकार के मुआवजे की बाट जोह रही हैं। उन्होंने अपने साथ भेदभाव की वजह भी पत्र में पूछी है।
Delhi government permits home delivery of Indian liquor and foreign liquor by ordering through mobile app or online web portal pic.twitter.com/zBwhYqUClY
— ANI (@ANI) June 1, 2021
इसी क्रम में पूरे एक साल के इंतजार के बाद दिवंगत पुलिस कॉन्सटेबल अमित राणा की पत्नी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर अधूरे वादे पर उनका ध्यान आकर्षित करवाया है। उन्होंने हाल में मुआवजा पाने वाले परिवारों का नाम लिए बिना केजरीवाल से इस भेदभाव की वजह पूछी है।
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि अमित कुमार राणा का निधन कोविड से 5 मई 2020 को हुआ था। पुलिस बल में कोविड से होने वाली ये पहली मृत्यु थी। अब इस घटना को 1 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन सीएम केजरीवाल को याद नहीं कि अमित राणा के परिवार को उन्हें 1 करोड़ का मुआवजा देना है।
मुख्यमंत्री को उनकी कही बात याद दिलाते हुए राणा की पत्नी पूजा लिखती हैं, “मेरे पति अमित राणा शहीद कोरोना वॉरियर थे और दिल्ली के लोगों की सेवा व रक्षा करते हुए कोरोना से ग्रसित होकर उनकी मृत्यु हो गई। मेरे ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उस दुख की घड़ी में मेरे पति की सेवाओं को याद करते हुए आपने एक करोड़ रुपए की सहायता राशि की घोषणा की थी। उस दुख की घड़ी के अंधेरे में वो मेरे लिए आशा की किरण था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी मुझे सहायता राशि नहीं मिल पाई है जिसकी आपने मीडिया पर ट्विटर से घोषणा की थी। कुछ लोगों को आपने दस दिन के अंदर ही सहायता राशि प्रदान कर दी थी फिर मेरे साथ ऐसा भेदभाव क्यों?”
पूजा लिखती है, “मेरा 1 साल का बेटा और एक चार माह की बेटी है। आज उनके भविष्य की चिंता सता रही है। यदि मुख्यमंत्री अपने किए वादे को पूरा नहीं करते तो शायद मैं किसी पर विश्वास नहीं कर पाऊँगी।”
बता दें कि इस वर्ष जनवरी में अमित राणा की विधवा पूजा ने बताया था कि अमित की फाइल को दिल्ली सरकार ने रिजेक्ट कर दिया है, क्योंकि यह उनके मापदंडों को पूरा नहीं करती जबकि उन्होंने सरकारी विभाग द्वारा माँगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए थे, फिर भी उन्हें कहा गया कि अमित कोविड ड्यूटी में तैनात नहीं थे।
इस बीच दिल्ली के जीटीबी अस्बताल के डॉक्टर अनस मुजाहिद के रिश्तेदारों तथा कुछ अन्य लोगों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 1 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है। आँकड़ों पर बात करें तो दिल्ली में 100 डॉक्टरों और 92 टीचर्स की मौत हुई है। इसके बावजूद केजरीवाल चुनिंदा लोगों को मुआवजा देने में लगे हैं। 23 मई को केजरीवाल ने डॉ. अनस के पिता से मिल कर उन्हें 1 करोड़ रुपए का चेक सौंपा था।
मालूम हो कि दिल्ली के सीएम बार-बार कहते हैं कि उन्हें कोविड वॉरियर्स की मौतों का खेद हैं और वह उन्हें आर्थिक सहायता मुहैया करवाएँगे। लेकिन हकीकत ये है कि कोविड में ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर जान गँवाने वाले 15 में से 12 पुलिसकर्मियों के परिवारों की फाइल दिल्ली सरकार दिसंबर 2020 में रिजेक्ट कर चुकी है। वहीं 3 अभी दिल्ली सरकार के पास पेंडिंग पड़ी है।