वजाहत हबीबुल्लाह, वृंदा करात, हर्ष मंदर, इरफान हबीब, अशोक धवले, आनंद पटवर्धन, प्रकाश राज, शबनम हाशमी… ये कुछ नाम हैं। परिचय यह है कि ये सभी वामपंथी हैं। फिलहाल ये सभी दर्द से गुजर रहे हैं। इनका दर्द है कि दिल्ली दंगों की जाँच सही से नहीं चल रही।
दंगों की जाँच पुलिस कर रही है। हर जगह पुलिस ही करती है। लेकिन दिल्ली दंगों की जाँच में निकल कर आ रहे नाम और इलाके इनके गले की हड्डी बनते जा रहे हैं। जाँच के कारण इनके हिंदू-विरोधी नैरेटिव और दंगों के लिए हिंदुओं को बिना किसी सबूत के दोषी ठहराने देने की आसमानी फितरत का पर्दाफाश हो रहा है। इसलिए अब ये जाँच पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
दिल्ली दंगों की जाँच को पटरी से उतारने के लिए इन्होंने इसे एक तरह से अनुचित, एक पक्षीय और बनावटी कह दिया है। वामपंथी मानसिकता वाले ये बड़े नाम दिल्ली दंगों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच के लिए केजरीवाल सरकार को लेटर लिखे हैं।
वैसे तो इस लेटर को 20 अगस्त को तब प्रकाशित किया जाना था, जब इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को भेजा जाता। लेकिन उससे पहले ही ऑपइंडिया के हमारे सूत्रों ने इस लेटर को लीक कर दिया। इसे हम नीचे प्रकाशित कर रहे हैं।
केजरीवाल को दिल्ली दंगों की जाँच से संबंधित भेजने वाले लेटर पर साइन करने के लिए ये वामपंथी अपने दोस्तों से आग्रह भी कर रहे हैं। ऊपर जो लेटर है, उसके लिंक के साथ एक आग्रह पत्र भी ये भेज रहे हैं। आग्रह पत्र में यह लिखा है कि 19 अगस्त 2020 की सुबह तक सब अपना समर्थन भेजें क्योंकि 20 अगस्त 2020 को दोपहर 12 बजे दिल्ली सरकार को लेटर भेज दिया जाएगा।
आग्रह पत्र के नीचे जिनका नाम है, उनका जिक्र ऊपर किया जा चुका है। मतलब – वजाहत हबीबुल्लाह, वृंदा करात, हर्ष मंदर, इरफान हबीब, अशोक धवले, आनंद पटवर्धन, प्रकाश राज, शबनम हाशमी।