दिल्ली की सीमाओं पर ढाई महीने से चल रहे किसान आंदोलन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार (6 फरवरी 2021) को पूरे देश में 3 घंटे के लिए चक्का जाम का ऐलान किया है। इस बीच केवल दो राज्यों में चक्का जाम नहीं होगा। ये 2 राज्य- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया, “उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं है, बाकी दिल्ली के बाहर पूरे देश में रोड ब्लॉक की जाएँगी। इसका कारण है कि दिल्ली में उन लोगों को कभी भी जरूरत पड़ने पर बुलाया जा सकता है।”
6 फरवरी को किसानों द्वारा किए जाने वाले चक्का जाम को कॉन्ग्रेस ने अपना समर्थन दिया है। वहीं हरियाणा में राज्य सरकार ने स्थिति को देखते हुए हर तरह के इंटरनेट को बंद कर दिया है। सरकार ने वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), एसएमएस सेवाओं (केवल ब्लक एसएमएस) और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को बंद करने की अवधि 6 फरवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी है।
इस बीच कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने एक बयान में किसान आंदोलन के कारण होने वाले नुकसान के बारे में बताया है। CAIT के अनुसार, 70 दिनों के किसान आंदोलन से व्यापार में 1 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसमें से 70,000 Cr माल से संबंधित है जो दूसरे राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाले थे। वही 40 हजार करोड़ बाहर जाने वाले थे।
संघ के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि आंदोलन से मुख्य रूप से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के थोक बाजार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। व्यावसायिक नुकसान झेलने वाली प्रमुख वस्तुओं में FMCG उत्पाद, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, आयरन एंड स्टील, टूल्स, पाइप एंड पाइप फिटिंग्स, मशीनरी इक्विपमेंट्स एंड इम्प्लीमेंट्स, मोटर्स एंड पंप्स, बिल्डर हार्डवेयर, केमिकल्स, फर्नीचर और फिक्स्चर, लकड़ी और प्लाईवुड, खिलौने, कपड़े, रेडीमेड गारमेंट्स, हैंडलूम आदि शामिल हैं।
CAIT के महासचिव ने दिल्ली उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने 26 जनवरी को किसानों का हिंसक रवैया याद दिलाते हुए अपील की है कि सुरक्षा सुनिश्चित की जाए कि दोबारा वह सब दोहराने की गुंजाइश ही न रहे।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की जिद्द की थी। जब बहुत समझाने पर वह नहीं माने तो उन्हें तय रूट बताकर अनुमति दी गई। लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में कथित प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह हिंसा की। लाल किले पर धार्मिक झंडा फहरा दिया। इन घटनाओं में 300 से अधिक पुलिस वाले घायल हुए थे।