महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने महात्मा गाँधी का कथित अपमान करने को लेकर हिंदू कार्यकर्ता संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) की आलोचना की है। संभाजी भिड़े ने कथित तौर पर कहा था कि महात्मा गाँधी के पिता करमचंद गाँधी नहीं बल्कि एक मुस्लिम जमींदार थे।
संभाजी भिड़े ने करमचंद गाँधी पर चोरी करने का भी आरोप लगाया था। देवेंद्र फडणवीस जवाब देकर एक बार फिर से चर्चा में हैं। इससे पहले वो सावित्रीबाई फुले पर कथित टिप्पणी करने को लेकर ट्विटर अकाउंट ‘ट्रू इंडोलॉजी’ को फाँसी पर लटकाने की भी बात कह चुके हैं।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार संभाजी भिड़े के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा है:
“मैं संभाजी भिड़े के बयान की निंदा करता हूँ। महात्मा गाँधी राष्ट्रपिता हैं। उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के नेता के रूप में देखा जाता है। उनके खिलाफ इस तरह का बयान अनुचित है। लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। राज्य सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी। महात्मा गाँधी का अपमान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
हिंदूवादी कार्यकर्ता संभाजी भिड़े को भाजपा से अलग बताते हुए फडणवीस ने कहा है, “संभाजी भिड़े का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है। उनका अपना संगठन है। इसे जानबूझकर राजनीतिक रंग देने की जरूरत नहीं है।”
इस मुद्दे पर कॉन्ग्रेस नेता हँगामा कर रहे हैं। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस ने कॉन्ग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा है, “जिस तरह से कॉन्ग्रेस नेता इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं, जब राहुल गाँधी वीर सावरकर के खिलाफ बोलते हैं तो उन्हें इसी तरह का विरोध करना चाहिए। लेकिन उस समय वे चुप रह जाते हैं।”
दरअसल, ‘श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान’ के संस्थापक संभाजी भिडे़ ने गुरुवार (27 जुलाई, 2023) को अमरावती जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर महात्मा गाँधी पर बयान दिया था। शुक्रवार (28 जुलाई, 2023) को कॉन्ग्रेस नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए संभाजी भिड़े के खिलाफ कार्रवाई की माँग की।
कॉन्ग्रेस के प्रदेश सचिव नंदकिशोर कुयते की शिकायत के बाद अमरावती जिले के राजापेठ पुलिस थाने में संभाजी भिड़े के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 ए के तहत FIR भी दर्ज की गई है। कॉन्ग्रेस नेता संभाजी भिड़े को गिरफ्तार करने की भी माँग कर रहे हैं।
क्या बोले संभाजी भिड़े
संभाजी भिड़े ने कथित तौर पर महात्मा गाँधी की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर सवालिया निशान लगाए थे। उन्होंने कहा था:
“महात्मा गाँधी का नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन करमचंद गाँधी महात्मा गाँधी के पिता नहीं थे। उनके असली पिता एक मुस्लिम जमींदार थे।”
उन्होंने आगे दावा किया था कि करमचंद मुस्लिम जमींदार के साथ काम करते थे। इसी दौरान उन्होंने उसके पास से बहुत बड़ी रकम चुरा ली थी। इससे नाराज होकर मुस्लिम जमींदार ने करमचंद की पत्नी का अपहरण कर लिया और उसे घर ले आया। इसके बाद उसने करमचंद गाँधी की पत्नी को अपनी पत्नी तथा महात्मा गाँधी को बेटे के रूप में पाला।
संभाजी भिड़े ने यह भी कहा था कि वह जो दावे कर रहे हैं, उसको साबित करने के लिए उनके पास सबूत हैं।