Friday, March 29, 2024
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47 से लेकर 60 सीटों तक की एरर मार्जिन: 2014 और 2019 के बीच Exit Poll का तुलनात्मक अध्ययन

लोकसभा चुनाव 2014 में चाणक्य टुडे के अलावा किसी भी एजेंसी का एग्जिट पोल सटीक नहीं था। इस बार यानी लोकसभा चुनाव 2019 में चाणक्य टुडे के ही आँकड़ों को अगर सही मान लिया जाए तो...

लोकसभा चुनाव 2019 की मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद अब जनता के बीच नई सरकार को लेकर काफ़ी उत्सुकता नज़र आ रही है। ख़ासतौर पर रविवार (19 मई) शाम के एग्जिट पोल के आंँकड़ों को देखने के बाद यह उत्सुकता और बढ़ गई है। अगर एग्जिट पोल में दर्शाए गए आँकड़ें सही साबित हो जाएँ तो यह कहना शायद ग़लत नहीं होगा कि देश की बागडोर एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी के हाथों आ सकती है। ऐसा हम नहीं बल्कि एग्जिट पोल के आँकड़ें कह रहे हैं। एग्जिट पोल के आँकड़ें कैसे तय होते हैं, इस पर हमने एक लेख लिखा था, उसे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

इस लेख में हम आपको लोकसभा चुनाव 2014 के एग्डिट पोल और 2019 के एग्जिट पोल को एक ही टेबल के माध्यम से दिखाएँगे, जिससे आप दोनों के बीच के अंतर को समझ सकें।

एजेंसी
NDA- 2014 (रूझान)

UPA- 2014 (रूझान)

कुल सीटें- 2014 (NDA)

कुल सीटें- 2014 (UPA)

NDA- 2019 (रूझान)

UPA- 2019 (रूझान)
चाणक्य टुडे 340 (+/- 14) 070 (+/- 9) 33659350095
CSDS 270-282 092-102
336

59
277 130
C Voter 289 101
336

59
287128
Nielson 281 097
336

59
267127

ऊपर दी गई टेबल को देखने के बाद आप यह बख़ूबी समझ चुके होंगे कि लोकसभा चुनाव 2014 में चाणक्य टुडे के अलावा किसी भी एजेंसी का एग्जिट पोल सटीक नहीं था। इस बार यानी लोकसभा चुनाव 2019 में चाणक्य टुडे के ही आँकड़ों को अगर सही मान लिया जाए तो बीजेपी ही सत्ता पर आसीन हो सकती है।

आइए अब एक नज़र उन एग्जिट पोल एजेंसियों पर डालते हैं जो इस बार मैदान में उतरे थे, 2014 में जो नहीं थे। दिलचस्प यह है कि इन नई एजेंसियों के एग्जिट पोल ने भी पीएम मोदी की वापसी पर ही संभावनाएँ जताईं हैं।

एजेंसीNDA-2019 (रुझान)UPA-2019 (रुझान)
CNX300120
Neta242164
Axis306132
IPSOS336082
VMR306132
VDP Associates333115
Jan Ki Baat305124

जनता द्वारा लिया गया निर्णय तो 23 मई को स्पष्ट होगा। लेकिन, उससे पहले यदि एग्जिट पोल के इन आँकड़ों को ही सही मान लिया जाए तो बीजेपी को कोसने वाले विपक्ष की यह एक क़रारी हार का संकेत साबित हो सकती है। इस परिस्थिति में यह कहना ग़लत नहीं होगा कि विरोधी दलों द्वारा पीएम मोदी की तमाम आलोचनाओं और निजी हमलों का यह एक सही जवाब होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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