केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पूछताछ को लेकर पेश होने के लिए छठा समन भेजा है। इस बार एजेंसी ने उन्हें 19 फरवरी 2024 का समय दिया है। ED उनसे दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ करना चाहती है। बता दें कि ED सीएम केजरीवाल को अब तक पाँच बार समन भेज चुकी है, लेकिन वे बार ह हर बार पेश होने से बचते रहे।
अरविंद केजरीवाल हर बार ईडी के समन को अवैध बता देते हैं। अलग-अलग समय पर वह अलग-अलग बहाना ED से बचने के लिए अपनाते आए हैं। पिछली बार जब अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए तो ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 17 फरवरी 2024 को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था।
दरअसल, ईडी ने नवम्बर 2023 में जब केजरीवाल को समन भेजा गया था तो उन्होंने कहा था कि वह मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं। हालाँकि, उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में 90% सीट पर अपनी जमानत नहीं बचा पाई थी। इसके बाद दिसम्बर में जब उन्हें जाँच एजेंसी ने बुलाया तो उन्होंने कहा कि वे विपश्यना के लिए पंजाब जा रहे हैं। इसलिए वे नहीं आ सकते।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी द्वारा भेजे गए समन को राजनीतिक साजिश बताते आए हैं। वह यह भी सवाल करते रहे हैं कि एक मुख्यमंत्री को ईडी किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुला रही है। अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं कि उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश की जा रही है, ताकि वे लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी AAP के लिए चुनाव प्रचार ना कर सकें।
गौरतलब है कि मौजूदा समन ED की शिकायत पर कोर्ट के आदेश के बाद आया है। कोर्ट ने ED की शिकायत पर कहा था कि केजरीवाल एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं। ED ने 3 फरवरी, 2024 को कोर्ट का रास्ता अरविन्द केजरीवाल के कई बार पेश ना होने से आजिज आकर अपनाया था।
केंद्रीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आम जनता के समक्ष गलत उदहारण पेश करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि ED की शिकायत में अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ साक्ष्य मौजूद हैं। कोर्ट ने उन्हें 17 फरवरी, 2024 को अदालत में पेश होने को कहा था।
गौरतलब है कि केजरीवाल से पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी ED से बचते आए थे। ED उन्हें 10 बार पूछताछ के लिए बुला चुकी थी। वह भी इन समन के पीछे राजनीतिक साजिश बता रहे थे। हालाँकि, 31 जनवरी को जब उनसे ED ने पूछताछ की तो उन्होंने इसके बाद इस्तीफ़ा दे दिया। ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।