शुक्रवार (मई 4, 2019) को चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लंघन के 2 मामलों में क्लिनचिट दे दी है। प्रधानमंत्री के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी नागपुर में दिए भाषण पर क्लिनचिट मिली है। वहीं दूसरी ओर राहुल गाँधी को आचार संहिता उल्लंघन मामले में जवाब दाखिल करने की मोहलत बढ़ा दी गई है।
कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी पर वाराणसी और नांदेड़ में दिए चुनावी भाषणों को लेकर शिकायत दर्ज़ हुई थी जिसपर निर्वाचन आयोग का अपना फैसला आया है। आयोग के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी में दिए भाषण में किसी भी प्रकार से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था और न ही नांदेड़ में उनकी टिप्पणियों में आयोग ने कुछ गलत पाया। बता दें कि नांदेड़ में पीएम ने कॉन्ग्रेस को ‘डूबता टाइटैनिक जहाज’ बताया था और वाराणसी में उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा पर बल दिया था और कहा था कि नया भारत आतंकवाद का मुँहतोड़ जवाब देता है।
EC on complaint made by Randeep Singh Surjewala of AICC over alleged violations of Model Code of Conduct, in a speech by PM Modi in Varanasi, UP on 25 April & in interview with Aaj Tak News Channel on 26 April: No such violation of the extant advisories/provisions is attracted. pic.twitter.com/3N9V1S2Oxf
— ANI (@ANI) May 3, 2019
नरेंद्र मोदी को अब तक निर्वाचन आयोग की ओर से पाँच मामलों में क्लिनचिट मिल चुकी है। खबरों के अनुसार आयोग ने कहा कि शिकायत आने के बाद मामले की विस्तृत जाँच की गई है। आयोग का मानना है कि इन मामलों में किसी भी तरह से मौजूदा प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हुआ।
वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ख़िलाफ़ भी 22 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। यह शिकायत कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला द्वारा की गई थी। इस मामले में भी अमित शाह को आयोग ने क्लिन चिट दे दी है।
Election Commission has accepted the request seeking extension till May 7 for filing reply to the notice issued by Commission to Congress President Rahul Gandhi on May 1 over his impugned statement made on 23rd Apr in Shahdol, Madhya Pradesh. He was earlier given 48 hrs to reply. pic.twitter.com/fL5hBiZUuj
— ANI (@ANI) May 3, 2019
इसके अलावा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर भी 23 अप्रैल को मध्यप्रदेश के शाहडोल में आचार संहित उल्लंघन का आरोप लगा था, जिसपर आयोग ने 1 मई को नोटिस जारी करते हुए 48 घंटे के भीतर जवाब माँगा था। आयोग ने यह समय सीमा 7 मई तक बढ़ा दी है।