प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन के बीच ‘शांति की खोज’ में गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वापस लौट आए हैं। केजरीवाल 20 दिसंबर 2023 को 10 दिन के विपश्यना कोर्स के लिए पंजाब के होशियारपुर स्थित आनंदगढ़ गाँव गए थे। वे शनिवार (30 दिसंबर) को लौट आए हैं। अब सवाल है कि वे ED द्वारा भेजे गए समन का जवाब देंगे या नहीं।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी सोशल मीडिया पर लिखा है कि वे अब खुद को ऊर्जा से सराबोर महसूस कर रहे हैं और दिल्ली के लोगों की सेवा के लिए तैयार हैं। उन्होंने लिखा, “10 दिन की विपश्यना साधना के बाद आज वापिस लौटा। इस साधना से असीम शांति मिलती है। नई ऊर्जा के साथ आज से फिर जनता की सेवा में लगेंगे। सबका मंगल हो!”
10 दिन की विपश्यना साधना के बाद आज वापिस लौटा। इस साधना से असीम शांति मिलती है। नई ऊर्जा के साथ आज से फिर जनता की सेवा में लगेंगे।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 30, 2023
सबका मंगल हो!
दरअसल, दिल्ली के शराब नीति के कथित घोटाले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार समन जारी किया है और 3 जनवरी 2024 को पूछताछ के लिए बुलाया है। अब सवाल है कि अरविंद केजरीवाल पूछताछ में जाते हैं या नहीं, क्योंकि उन्हें भी अब अपनी गिरफ्तारी का डर सताने लगा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और AAP सांसद संजय सिंह को पूछताछ के दौरान ही गिरफ्तार किया गया था।
इसके पहले ED मुख्यमंत्री केजरीवाल को शराब नीति मामले में दो बार समन जारी किया जा चुका है, लेकिन वो जवाब देने के लिए नहीं आए। इससे पहले, ईडी ने 18 दिसंबर 2023 को सीएम केजरीवाल के खिलाफ दूसरा समन जारी किया था और उन्हें 21 दिसंबर 2023 को पेश होने के लिए कहा था।
हालाँकि, पेश होने के बजाय आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने इस समन को राजनीति से प्रेरित करार दिया था। उन्होंने कहा था कि ईडी ने ये समन ऐसे समय में जारी किया, जब वो 20 दिसंबर 2023 को विपश्यना के लिए पंजाब रवाना होने वाले हैं। इसके बाद वो इसमें शामिल नहीं हुए थे।
वहीं, ईडी ने इस मामले में 2 नवंबर 2023 को पहला समन भेजकर अरविंद केजरीवाल को पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया था। तब अरविंद केजरीवाल खुद को चुनाव में व्यस्त बताकर ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। वो मध्य प्रदेश के सिंगरौली में चुनाव प्रचार करने चले गए थे।
दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले में दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री और लाइसेंसिंग का काम निजी कंपनियों को दे दिया था। इस नीति पर कई सवाल उठे थे, जिसमें यह भी सवाल था कि क्या इस नीति से दिल्ली सरकार को राजस्व में नुकसान हुआ है। ईडी ने इस घोटाले की जाँच शुरू की और उसने कई लोगों से पूछताछ की।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष का हमला
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार (30 दिसंबर 2023) को कहा कि सीएम केजरीवाल इसे लंबे समय तक नहीं टाल सकते। उन्होंने कहा, “शुरुआत में उन्होंने चुनाव और फिर विपश्यना का बहाना बनाया और अब देखते हैं कि वह 3 जनवरी को क्या स्पष्टीकरण देते हैं। वह इससे ज्यादा समय तक बच नहीं सकते, उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना होगा।”
VIDEO | "Initially, he used the excuse of elections and then Vipassana, and now let's see what explanation he gives on January 3. He can't evade this for long, he has to appear before the agency," says BJP leader @Virend_Sachdeva on ED's summon to CM Arvind Kejriwal. pic.twitter.com/GObqIb6fL7
— Press Trust of India (@PTI_News) December 30, 2023
भाजपा नेता सचदेवा ने आगे कहा, “अस्पताल नकली दवाएँ दे रहे थे, लोग प्रदूषण से परेशान थे… इस दौरान दिल्ली के सीएम असीम शांति की तलाश में थे। उन्हें शांति मिली, लेकिन दिल्ली के लोगों का क्या?”
ED के समन की अनदेखी कब तक?
सीएम केजरीवाल ED के समन को लागतार अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जाँच एजेंसी के समन के बाद कोई कितनी बार पेशी से बच सकता है और ऐसे में ED के पास और क्या-क्या विकल्प बचते है? जानकारों के अनुसार, ED तीन बार तक पेश होकर सबूत, बयान या पूछताछ में सहयोग करने के लिए कह सकती है।
अगर कोई व्यक्ति तीसरी बार भी समन मिलने पर पूछताछ में सहयोग के लिए नहीं पहुँचता है तो एजेंसी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। जरूरत पड़ने पर एजेंसी कोर्ट में गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए अर्जी लता सकती है। इसके बाद कोर्ट गैर-जमानती वारंट जारी कर सकता है और ईडी उसे गिरफ्तार। कर सकती है।