प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई के ठिकानों पर बुधवार (जुलाई 22, 2020) को छापेमारी की है। ये मामला फर्टीलाइजर स्कैम से जुड़ा हुआ है। बुधवार को इस मामले में पूरे देश भर में कई ठिकानों पर छापेमारी चली। इसी क्रम में ED द्वारा अग्रसेन गहलोत के संदिग्ध ठिकानों पर भी तलाशी ली गई। वो अशोक गहलोत के बड़े भाई हैं। उन पर 2017 में ही भाजपा ने फर्टीलाइजर स्कैम के आरोप लगाए थे।
कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ के घर भी ED की एक टीम पहुँची और छापेमारी की। अग्रसेन की दुकानों और उनके प्रतिष्ठानों की तलाशी ली गई। उनके जोधपुर स्थित सम्पत्तियों की ईडी ने तलाशी ली। उनकी ‘अनुपम कृषि’ नाम की दुकान है, जहाँ वो 1980 से पहले से ही फर्टीलाइजर का व्यापार करते आ रहे हैं। दुकान के ऊपर ही उनके भाई अशोक गहलोत का चुनावी कार्यालय है।
चुनावों के दौरान ये कार्यालय अक्सर गुलजार रहता है क्योंकि अशोक गहलोत यहीं से नामांकन भरने जाते हैं। सामने टेंट लगाया जाता है, जहाँ समर्थकों का जुटान होता है और ऊपर से अशोक गहलोत जनता को सम्बोधित करते हैं। जोधपुर में अग्रसेन गहलोत की कई दुकानें हैं और उनका घर भी है। चूँकि, जाँच की आँच अब गहलोत परिवार तक पहुँची है, तो कॉग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर आरोप लगाए हैं।
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— @HindiNews18 (@HindiNews18) July 22, 2020
सीएम गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर ED का छापा@ARPITAARYA pic.twitter.com/Wh7WU60BX1
आरोप है कि जब 2007-09 में यूपीए की सरकार थी, तब अग्रसेन गहलोत ने सब्सिडी वाले फर्टीलाइजर का एक्सपोर्ट किया था। पिछले सप्ताह भी सरकारी एजेंसियों ने कुछ ठिकानों की तलाशी ली थी। जयपुर में अशोक गहलोत के बेटे वैभव से जुड़ी कंपनी के ठिकानों को तलाशा गया था। हालाँकि, अशोक गहलोत और कॉन्ग्रेस इसे बदले की राजनीति बताते हुए इसके लिए भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं।
ऑपइंडिया ने अपनी एक ख़बर में बताया था कि जहाँ एक तरफ राहुल गाँधी किसानों के हमदर्द बन कर उभरने की कोशिश कर रहे हैं, गुजरात कॉन्ग्रेस के प्रभारी रहे अग्रसेन गहलोत के फर्टीलाइजर स्कैम का सामने आना उनकी योजनाओं पर पानी फेर सकता है। अग्रसेन ने खाद बनाने के लिए आई सामग्रियों का गलत इस्तेमाल किया जबकि ये किसानों के लिए थे। यानी, गरीब किसानों की जगह प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुँचाया गया।
दस्तावेजों के हवाले से हमें बताया था कि जब जयपुर मे अशोक और दिल्ली में मनमोहन राज कर रहे थे, तब बेखौफ अग्रसेन गहलोत ने किसानों के लिए आया कितने ही टन पोटास को एक्सपोर्ट कर दिया और शिपिंग बिल में इसे नमक बताया। साथ ही उसकी वैल्यू भी गलत बताई गई। साथ ही उन्होंने सारे पेमेंट्स कैश में किए, जिससे उसका रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखा गया। जबकि अग्रसेन का कहना है कि बिचौलियों ने उनसे किसानों के लिए खाद खरीदा।
जब मोदी जी और उनकी सरकार के सारे हथकंडे फेल हो गए, जब मोदी सरकार जनमत का अपहरण करने में नाकामयाब हो गई तो आज बौखलाई हुई केंद्रीय भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री जी के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के घर पर सुबह से ही ED को भेज कर छापेमारी शुरू कर रखी है:रणदीप सिंह सुरजेवाला,कांग्रेस pic.twitter.com/7BwQyzHna3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2020
इसके बाद भाजपा ने भी ऑपइंडिया की ख़बर का हवाला देते हुए कॉन्ग्रेस पर निशान साधा था। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि जहाँ एक तरफ कॉन्ग्रेस किसानों की बातें करती फिरती है, वहीं दूसरी तरफ उसके नेता किसानों की सब्सिडी खा जाते हैं। उन्होंने इसे सब्सिडी की चोरी करार दिया था। उन्होंने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की भी आशंका जताई थी। अब इसकी जाँच में गहलोत फँसते दिख रहे हैं।