कोरोना वायरस और कोरोना वैक्सीन के वितरण को लेकर आज पीएम मोदी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोजन की तरह टीका वितरण की ऐसी प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया जिसमें सरकारी और नागरिक समूहों के प्रत्येक स्तर की भागीदारी हो।
पीएम मोदी ने प्रतिदिन के मामलों और वृद्धि दर में लगातार गिरावट का भी उल्लेख किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना से लड़ाई में बिल्कुल भी लापरवाही न बरती जाए। प्रधानमंत्री ने त्यौहारों के दौरान सामाजिक दूरी, साफ-सफाई, कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन करने और आत्मसंयम बरतने की बात भी कही।
बता दें इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, पीएमओ और अन्य विभागों के अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
पीएमओ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि भारत में तीन टीके विकसित होने के उन्नत चरणों में है, जिनमें से दो टीके चरण दो में और एक टीका तीसरे चरण में है। बयान में कहा गया है कि कोविड-19 वायरस जीनोम पर दो अखिल भारतीय अध्ययनों से पता चलता है कि वायरस आनुवंशिक रूप से स्थिर है, इसमें कोई बड़ा परिवर्तन नहीं है।
In an effort to help the global community, the Prime Minister directed that we should not limit our efforts to our immediate neighbourhood but also reach out to the entire world in providing vaccines, medicines and IT platforms for vaccine delivery system: PMO https://t.co/7SUcnKLRzf
— ANI (@ANI) October 17, 2020
पीएम मोदी के कहा कि भारतीय वैज्ञानिक और शोध संस्थान पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिक समुदाय को निर्देश दिया कि क्लीनिकल ट्रायल और शोध का यह कार्य सिर्फ पड़ोसी देशों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इस सहयोग का विस्तार पूरी दुनिया में होना चाहिए।
गौरतलब है कि मोदी ने वैक्सीन के पूरे देश में तेजी से वितरण के तौर तरीके विकसित करने पर भी जोर दिया। इसके लिए कोल्ड स्टोरेज चेन, वितरण नेटवर्क, निगरानी तंत्र, उपकरण और मूल्यांकन व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 74 लाख के पार चली गई है, वहीं संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या भी 65 लाख से अधिक हो गई है। इस प्रकार संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की दर 87.78 प्रतिशत हो गई है।