पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी ने गुरुवार (28 जुलाई, 2022) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बताया कि उनके दूसरे फ्लैट से बरामद करोड़ों रुपए चटर्जी के हैं। जाँच एजेंसी ने अर्पिता मुखर्जी के पहले फ्लैट से 21 करोड़ रुपए बरामद करने के कुछ दिनों बाद उसके दूसरे अपार्टमेंट से 28.90 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो से अधिक सोना बरामद किया है। यह छापेमारी गुरुवार (28 जुलाई, 2022) सुबह 4 बजे तक चली, जिसमें अधिकारियों को पैसे गिनने में 10 घंटे का समय लगा।
वहीं, पार्टी की किरकिरी होने के बाद टीएमसी महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने पार्थ चटर्जी को मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाने की माँग की।
टीएमसी के प्रवक्ता घोष ने ट्विटर पर कहा कि अगर उनकी माँग गलत है, तो पार्टी उन्हें सभी पदों से बर्खास्त कर सकती है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “पार्थ चटर्जी को तुरंत मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाया जाना चाहिए। उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए। अगर मेरे इस बयान को गलत माना जाता है, तो पार्टी को मुझे सभी पदों से हटाने का पूरा अधिकार है।” इससे पहले घोष ने बुधवार (27 जुलाई, 2022) को कहा था कि चटर्जी की करीबी के घर से कैश मिलना पार्टी के लिए अपमान और हम सभी के लिए शर्म की बात है।
“Partha Chatterjee should be removed from ministry and all party posts immediately. He should be expelled. If this statement is considered wrong, the party has every right to remove me from all posts,” tweets TMC General Secretary Kunal Ghosh pic.twitter.com/JC0JCYfW4C
— ANI (@ANI) July 28, 2022
मालूम हो कि अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट के टॉयलेट में यह रकम छुपाकर रखी गई थी। इस रकम को गिनने के लिए ईडी के अधिकारियों को नोट गिनने की 4 मशीनें मँगवानी पड़ी। समाचार एजेंसी ANI ने बताया है कि अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित आवास से लगभग 29 करोड़ रुपए की नकदी मिली। इसे 10 ट्रंक में भरकर एजेंसी साथ ले गई। अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट्स से अब तक करीब 50 करोड़ रुपए नकद बरामद हो चुके हैं। इससे पहले 23 जुलाई को अर्पिता के एक अन्य घर से ED ने 21 करोड़ रुपए कैश बरामद किए गए थे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षा घोटाले की जाँच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही है। केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जाँच शुरू की है। ममता बनर्जी सरकार में मौजूदा उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब घोटाला हुआ था।