Friday, October 11, 2024
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₹29 करोड़ कैश, 5 किलो सोना… अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर में भी मिला खजाना: जानिए बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से कैसे बने ‘मिनी बैंक’

अर्पिता मुखर्जी के आवास से अब तक करीब 50 करोड़ रुपए नकद बरामद हो चुके हैं। इससे पहले 23 जुलाई को अर्पिता के एक अन्य घर से ED ने 21 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे।

अर्पिता मुखर्जी के एक और घर से करोड़ों रुपए मिले हैं। वह शिक्षक भर्ती घोटाले में घिरे पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के मंत्री की पार्थ चटर्जी की करीबी हैं। बुधवार (27 जुलाई 2022) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट पर छापा मारा। यहाँ से ईडी को करीब 28.90 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो सोना मिला। यह छापेमारी गुरुवार (28 जुलाई 2022) सुबह 4 बजे तक चली।

अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट में यह रकम टॉयलेट में छुपाकर रखी गई थी। इस रकम को गिनने के लिए ईडी के अधिकारियों को नोट गिनने की 3 मशीनें मँगवानी पड़ी। समाचार एजेंसी ANI ने बताया है कि अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थितआवास से लगभग 29 करोड़ रुपए की नकदी मिली। इसे 10 ट्रंक में भरकर एजेंसी साथ ले गई।  

अर्पिता मुखर्जी के आवास से अब तक करीब 50 करोड़ रुपए नकद बरामद हो चुके हैं। इससे पहले 23 जुलाई को अर्पिता के एक अन्य घर से ED ने 21 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे।

अर्पिता मुखर्जी का कहना है कि पार्थ चटर्जी उनके घर को ‘मिनी बैंक’ की तरह इस्तेमाल करते थे। अर्पिता ने बताया कि पार्थ चटर्जी उनके घर में ही पैसा रखा करते थे। बुधवार को सुबह से ही ईडी ने अर्पिता के चार ठिकानों पर छापामारी शुरू की थी। जब एक टीम दोपहर को बेलघरिया के रथतला स्थित अर्पिता के फ्लैट पर पहुँची, तो ताला बंद था। काफी समय तक ईडी ने इंतजार किया। अंत में ईडी फ्लैट का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। जैसे ही अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट का ताला तोड़कर ईडी के अधिकारी अंदर गए और जाँच शुरू की तो पैसों का पहाड़ देखकर उनके होश उड़ गए। 

उल्लेखनीय है कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी फिलहाल 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में हैं। उनसे लगातार शिक्षा भर्ती घोटाले को लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्हें 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षा घोटाले की जाँच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही है। केंद्रीय एजेंसी ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित व सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों व शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जाँच शुरू की है। ममता बनर्जी सरकार में मौजूदा उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब घोटाला हुआ था। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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