Tuesday, November 19, 2024
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AAP सदस्य जसलीन कौर का सर्वजीत पर छेड़छाड़, अश्लीलता का आरोप झूठा, कोर्ट ने किया बरी

सर्वजीत सिंह पिछले चार साल से ट्रायल के दौरान कोर्ट में पेश हो रहे थे। जसलीन कौर तीन साल तक ट्रायल में पेश नहीं हुईं। जसलीन ने 14 मुक़दमों की तारीखों के बाद पिछले साल दिसंबर में कोर्ट में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई।

2015 में AAP सदस्य जसलीन कौर द्वारा दिल्ली ट्रैफिक सिग्नल पर उत्पीड़न, अश्लील टिप्पणी और छेड़छाड़ के आरोपित सर्वजीत सिंह को आखिरकार अदालत ने बरी कर दिया है। सिंह ने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह ख़बर शेयर की और उन लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उस पर विश्वास किया और उसके साथ खड़े रहे, जब पूरे सोशल मीडिया ने उसे कौर के शब्दों के आधार पर अपराधी घोषित कर दिया था।

एक्टिविस्ट दीपिका भारद्वाज ने सर्वजीत सिंह के पोस्ट को शेयर किया और कहा कि सर्वजीत को अदालत ने चार साल की लंबी सुनवाई के बाद सभी आरोपों से बरी कर दिया है।

सर्वजीत सिंह पिछले चार साल से ट्रायल कोर्ट में पेश हो रहे थे। जसलीन कौर तीन साल तक ट्रायल में पेश नहीं हुईं। जसलीन ने 14 मुक़दमों की तारीखों के बाद पिछले साल दिसंबर में कोर्ट में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया था कि वह कनाडा में ‘अकादमिक ज़िम्मेदारियों’ के चलते कोर्ट में हाज़िर नहीं हो सकीं।

क्या था मामला

23 अगस्त, 2015 को दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज की छात्रा और AAP सदस्य जसलीन कौर ने ट्रैफिक सिग्नल पर सिंह की एक तस्वीर पोस्ट की थी और दावा किया था कि सिंह ने उन पर अश्लील टिप्पणी करने के साथ-साथ फ़ोटों न क्लिक करने की धमकी दी थी।

कौर का यह फेसबुक पोस्ट कुछ ही घंटों के भीतर वायरल हो गया। हालाँकि, सर्वजीत सिंह ने कौर की फ़ोटो पर वायरल पोस्ट में ख़ुद की पहचान बताने वाली टिप्पणी की थी और कहा था कि वह निर्दोष है क्योंकि धमकी देने वाली ख़ुद जसलीन थी जिसने उसे तब धमकी दी थी जब उसने ट्रैफिक सिग्नल को पार करने के लिए जसलीन के निर्देशों का पालन करने से इनकार कर दिया था।

इस मामले में सिंह को जल्द ही पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। इस मामले को एक उदाहरण के तौर पर यह कहकर ख़ूब उछाला गया कि दिल्ली की लड़कियों को हर दिन कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जसलीन के इस कारनामे पर सेलिब्रिटी और राजनेताओं ने एक बहादुर युवा महिला के रूप में उन्हें ख़ूब बधाइयाँ दी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी जसलीन की सराहना की थी।

अरविंद केजरीवाल का ट्वीट, साभार: इंडिया टुडे

रातों-रात कौर एक सेलिब्रिटी बन गईं। इंडिया टुडे की ख़बर के अनुसार, दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कौर को उनकी ‘बहादुरी’ के लिए इनाम देने की घोषणा की थी।

चश्मदीद का दावा

सर्वजीत की गिरफ़्तारी और चश्मदीद गवाहों की जाँच के तुरंत बाद, मामला ठंडा होने लगा। घटना-स्थल पर मौजूद विश्वजीत सिंह ने बताया कि सर्वजीत निर्दोष था और वास्तव में, जसलीन जिसने सर्वजीत के साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार और ग़लत व्यवहार किया था। कौर ने फिर से सोशल मीडिया पर दावा किया कि वह सही थीं और चश्मदीद गवाह झूठ बोल रहा है।

परीक्षण

लंबे समय से सर्वजीत सिंह ने उत्पीड़न का शिकार रहा। 2016 में, उन्होंने सोशल मीडिया फिर से एक पोस्ट के माध्यम से लोगों से अपील की। इसमें उन्होंने विवरण देते हुए कि लिखा कि किसी व्यक्ति पर उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाना कितना आसान होता है और एक व्यक्ति दोषी न होते हुए भी दोषी बन जाता है। दूसरे व्यक्ति का सिर्फ़ उसके लिंग के आधार पर किसी का उत्पीड़ित करना ग़लत है।

अपने विवरण में सिंह ने यह तक लिखा कि इस उत्पीड़न मामले में उनका चेहरा इतना बदनाम हो गया था कि उन्हें कई नौकरियाँ तक गँवानी पड़ीं। साथ ही एक यह मानसिक प्रताड़ना थी कि वो पुलिस को बिना बताए दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते थे।

मीडिया प्रचार और परिणाम

लगभग सभी मीडिया चैनल ने एक विकृत और अपराधी के रूप में सर्वजीत को दिखाया। सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी जसलीन के पोस्ट और अन्य संबंधित पोस्ट को बड़े धड़ल्ले से शेयर किया, इससे लोगों के मन में सर्वजीत की ख़राब छवि बन गई। जैसे-जैसे सच्चाई सामने आने लगी, वैसे-वैसे उन मीडिया चैनल्स की भी सच्चाई सामने आने लगी, जिन्होंने सर्वजीत सिंह का ग़लत चित्रण किया। टाइम्स नाउ को भी आदेश दिया गया था कि वह एनबीएसए द्वारा अदालतों के समक्ष दोषी के रूप में सर्वजीत को ग़लत तरीके से पेश करने के मामले में लगातार कवरेज के लिए माफी माँगे और ज़ुर्माना अदा करे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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