वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस वार्ता कर आर्थिक पैकेज की दूसरी किश्त जारी कर रहीं। निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तार से मीडिया के सामने हर पहलुओं को रखा।
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— BJP (@BJP4India) May 14, 2020
कल ही वित्त मंत्री ने MSME सेक्टर के लिए कई बड़ी घोषणाएँ की थीं। आज कृषि क्षेत्र के लिए उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
प्रेस वार्ता शुरू होते ही वित्त मंत्री ने कहा कि पैकेज के दूसरे चरण में गरीब, प्रवासी मजदूर, छोटे व्यापारी और किसानों के लिए पैकेज होगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा ही समाज के गरीब वर्ग का ध्यान रखा है। उन्होंने कहा आज की प्रेस वार्ता भी उन्हीं को समर्पित है और अन्य घोषणाएँ अगली कॉन्फ्रेंस में सामने रखी जाएँगी।
निर्मला सीतारमण की प्रेस वार्ता की प्रमुख बातें –
- 3 करोड़ किसानों को रियायती दरों पर कर्ज दिया गया
- 29,500 करोड़ रूपए की मदद नाबार्ड और ग्रामीण बैंक्स के जरिए की गई है
- नाबार्ड के जरिए किसानों को कर्ज मुहैया कराया गया
- 86,600 करोड़ रुपए के 63 लाख ऋण केवल मार्च में किसानों को दिए गए। 4,200 करोड़ रुपए का ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास फंड राज्यों को मार्च में दिया गया
- शहरी गरीबों के लिए 11 हजार करोड़ रुपए दिए गये हैं, ये राज्य सरकार पर है कि वो कैसे इसे खर्च करे
- राज्य के किसानों के लिए 6700 करोड़ रुपए की मदद की गई
- ग़रीबों और श्रमिकों पर सरकार का ध्यान; 3 करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ का रियायती कर्ज़ दिया गया; किसानों को 3 महीने तक ब्याज में रियायत का लाभ मिलेगा
- 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है जिसकी लिमिट 25000 करोड़ होगी
- बेघरों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था की गई है, 12 हजार स्वयं सहायता समूह ने 3 करोड़ मास्क बनाए
- न्यूनतम दैनिक मजदूरी को 182 रूपए प्रति दिन से बढ़ाकर 202 रुपए किया गया
- एसडीआरएफ फण्ड का इस्तेमाल प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर बनाने के लिए करने की अनुमति दी
- श्रमिकों का कल्याण सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर
- श्रम कानून में सुधार का काम चल रहा है
- ESIC रजिस्ट्रेशन जरुरी, ताकि फैक्ट्री कामगारों को इसका लाभ मिले
- 2.33 करोड़ मजदूरों को पंचायत के जरिए गांव में काम मिला है
- अब तक 10 हजार करोड़ रुपए मनरेगा पर खर्च किए गए हैं
- मजदूरों का सालाना स्वास्थ्य जांच जरूरी होगा
- न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव खत्म किया गया है
- सभी मजदूरों को रोजगार पत्र मिलेगा
- 10 से कम मजदूरों वाली कंपनी में ESI जरूरी
- लेबर कोर्ट के माध्यम से मजदूरों को लाभ जाएगा, न्यूनतम वेतन में भेदभाव और क्षेत्रीय असमानता को दूर किया जाएगा
- 8 करोड़ मजदूरों के लिए 35 सौ करोड़ का प्रवाधान किया जा रहा है, जिन्हें 5-5 किलो प्रति फैमली मेंबर चावल और 1 किलो चना दिया जाएगा
- 1 देश, 1 राशन कार्ड: देश के किसी भी कोने में राशन ले सकेगा
- जिस राज्य का राशन है वो उस राशन कार्ड का इस्तेमाल कही भी कर सकता है। किसी भी राशन कार्ड के दुकान से अनाज उठा सकता है। पूरे देश में एक ही राशन कार्ड चलेगा।
- अगले दो महीनों के लिए सभी प्रवासियों को मुफ्त अनाज की आपूर्ति की जाएगी। जो लोग गैर-कार्ड धारक हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूं / चावल और 1 किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा।