कोविड महामारी के समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए भारत सरकार ने पिछले दिनों कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनके कारण गिरती अर्थव्यवस्था ने दोबारा से मजबूत वापसी की। आज अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन सबकी जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार 20 अरब डॉलर के नए प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है ताकि दबावग्रस्ट सेक्टरों को राहत मिले।
उन्होंने अपनी बात रखने से पहले कहा, “मैं कुछ नए उपायों की घोषणा करने जा रही हूँ। आप इन्हें स्टीमुलस पैकेज कह सकते हैं।” इसके बाद उन्होंने आत्मनिर्भर 3.0 का ऐलान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की ताकि नए रोजगार पैदा हो सकें। आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 265080 करोड़ रुपए के 12 उपायों की घोषणा भी गई। यह जीडीपी का 15 फीसदी है।
इसमें संगठित क्षेत्र में रोजगार देने के लिए बल दिया जाएगा। लोगों को ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी भविष्य निधि के साथ जोड़ने की सरकार की इसके तहत कोशिश है ताकि लॉकडाउन से अनलॉक की प्रक्रिया में अधिक से अधिक नौकरियों का सृजन हो।
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— Republic (@republic) November 12, 2020
इस योजना का एक लक्ष्य यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठाएँ। सरकार की ओर से कहा गया है कि ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए पंजीकृत नहीं थे और जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।
वहीं जिन लोगों के पास अगस्त से सितंबर तक नौकरी नहीं थी लेकिन बाद में पीएफ से जुड़े हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
1 अक्टूबर से नौकरी पाने वाले कर्मचारी भी इसका लाभ ले पाएँगे और अगले दो सालों तक इसका लाभ उठा सकेंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि जिस संस्था में 1000 या उससे कम कर्मचारी हैं, उसमें कर्मचारी के हिस्से का 12% और काम देने वाले के भी भत्ते का 12% का केंद्र सरकार योगदान देगी। जहाँ 1000 से ज़्यादा कर्मचारी हैं, वहाँ केवल कर्मचारियों का केंद्र सरकार 12% योगदान देगी। ये अगले दो वर्ष तक लागू रहेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पहले चरण में घोषित Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS 1.0) को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया जा रहा है। यह स्कीम पूरी तरह से सुरक्षित गारंटी देती है। 26 दबावग्रस्त सेक्टरों और स्वास्थ्य सेक्टर के लिए ईसीजीएलजीएस के तहत लाभ दिया गया है। मूलधन चुकाने के लिए भी 5 साल का समय दिया गया है।
इसके बाद 10 सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव योजना भी लाई गई है, जिससे रोजगार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि पहले यह योजना सिर्फ 3 क्षेत्रों में शुरू हुई थी।
पीएम आवास योजना शहर के लिए इस पैकेज में 18000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान हुआ है, जिससे देश के गरीबों को फायदा पहुँचेगा। दावा किया जा रहा है कि इससे 78 लाख से अधिक रोजगार पैदा होंगे व गरीब को मकान भी मिलेगा।
इसके बाद कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लगी कंपनियों को कैपिटल और बैंक गारंटी में राहत होगी। 3 फीसद तक परफॉर्मेंस सेक्योरिटी को भी कम किया गया, जिसकी वजह से ठेकेदारों को राहत होगी।
रियल स्टेट को बूस्ट करने के लिए डेवलपर्स और घर खरीददारों को आयकर में राहत दी जाएगी। सरकार NIIF के डेब्ट प्लेटफॉर्म में भी 6000 करोड़ रुपए इक्विटी के रूप में निवेश करेगी।
14 करोड़ किसानों को फायदा पहुँचाने के लिए फर्टिलाइजर के लिए 65 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी से सुधारने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
निर्यात परियोजना को बढ़ाने के लिए EXIM बैंक को 3000 करोड़ रुपए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिहाज से दिए जाएँगे।
रक्षा उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनियों और ग्रीन एनर्जी कंपनियों को फायदा देने के लिए कैपिटल और इंडस्ट्रियल एक्सपेंडीजर के लिए अतिरिक्त 10200 करोड़ रुपए दिए जाएँगे।
इसके बाद कोरोना वैक्सीन के रिसर्च डेवलपमेंट काम के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसे डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलिजी को दिया जाएगा।