विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भारत से आगे चीन के हितों को रखते थे। जयशंकर ने नेहरू पर आरोप लगाया कि वह चीन के खतरे को कम करके आँकते थे। उन्होंने यह बातें गुजरात में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर गुजरात के अहमदाबाद में गुजरात चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उनसे यहाँ चीन को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने नेहरू की भूल को लेकर हमला बोला। उनसे पूछा गया था कि क्या भारत को चीन-पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए क्षेत्र वापस लेने पर सोचना चाहिए या वर्तमान स्थिति स्वीकार करनी चाहिए।
जयशंकर ने इस पर कहा, “1950 में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने नेहरू को चीन को लेकर चेताया था। पटेल ने नेहरू से कहा था कि हम पहली बार चीन और पाकिस्तान के दोहरे मोर्चे का सामना कर रहे हैं, यह स्थिति पहले कभी नहीं आई। पटेल ने नेहरू से यह भी कहा था कि उन्हने चीनियों के कहे पर विश्वास नहीं है, उनके इरादे अलग लग रहे हैं और हमें इस सम्बन्ध में काफी सावधानी से काम लेना चाहिए।”
#WATCH | Gujarat: Speaking at the Gujarat Chamber of Commerce and Industry in Ahmedabad, External Affairs Minister Dr S Jaishankar says, "…In 1950, there was an exchange of views between Sardar Patel and (Jawaharlal) Nehru… Sardar Patel had warned Jawaharlal Nehru about… pic.twitter.com/vNIFj2uNnz
— ANI (@ANI) April 3, 2024
जयशंकर ने आगे कहा, “नेहरू ने पटेल से कहा था कि वह बेकार में चीनियों पर शक किया करते हैं, नेहरू ने यह भी कहा था कि हिमालय की तरफ से भारत पर हमला करना किसी के लिए भी असंभव है। नेहरू पूरी तरह से चीनी खतरे को नकार कर रहे थे, हर व्यक्ति जानता है उसके बाद क्या हुआ।”
भारत के संयुक्त राष्ट्र में सीट नकारने पर भी जयशंकर ने नेहरू ने हमला बोला। जयशंकर ने कहा, “जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट को लेकर बात हुई और भारत को इस सीट की पेशकश की गई तो नेहरू का रुख था कि हम भी सीट के हकदार हैं लेकिन पहले यह चीन को मिलनी चाहिए।”
जयशंकर ने कहा कि वर्तमान सरकार भारत प्रथम की नीति पर चल रही है। उन्होंने कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने का मुद्दा भी उठाया। जयशंकर ने कहा कि सरदार पटेल कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र नहीं ले जाना चाहते थे लेकिन नेहरू ने यही किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल को यह पता था कि संययुक्त राष्ट्र पक्षपात करता है। आप क्या ऐसे किसी न्यायाधीश के सामने अपना मामला लेकर जाएँगे जो पक्षपाती हो। उन्होंने कहा कि UN में मामला ले जाने पर हमें POK सैन्य कार्रवाई रोकनी पड़ी।
कश्मीर और चीन को लेकर नेहरू की गलतियों को दोहराने से पहले भाजपा कच्चातीवू द्वीपों को श्रीलंका को देने का मुद्दा भी हाल में उठा चुकी है। भारत और श्रीलंका के बीच में स्थित यह द्वीप 1976 के भारत-श्रीलंका समझौते में श्रीलंका को मिल गए थे। भाजपा ने एक RTI के हवाले से यह हमला बोला था।