देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Aansari) को एक बार फिर से देश मे असहिष्णुता (Intolerance) नजर आने लगी है। उन्हें देश में एक बार फिर से लोकतंत्र खतरे में दिखाई देने लगा है। उन्होंने 27 जनवरी 2022 को इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंदू राष्ट्रवाद (Hindu Nationalism) पर चिंता व्यक्ति की। अंसारी ने कहा कि देश में धार्मिक आधार पर लोगों को बाँटा और धर्म विशेष के लोगों को उकसाने की कोशिश की जा रही है।
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर हामिद अंसारी ने देश के लोकतंत्र की आलोचना की और कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और ये अब संवैधानिक मूल्यों से हट गया है। हिंदू राष्ट्रवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए अंसारी ने भारत के ‘बहुलतावादी संविधान के संरक्षण’ भाषण दिया। उन्होंने कहा था, ‘‘हाल के वर्षों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं। वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति और असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं।’’
इसके साथ ही अंसारी ने खुद से ही अपनी पीठ भी थपथपाई और बताया कि उपराष्ट्रपति के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान देश की संसदीय प्रणाली और कानून पूरी तरह से पारदर्शीा था। खास बात यह है कि जिस ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ (IAMC) के वर्चुअल कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने हिस्सा लिया उस पर पहले से भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े होने के आरोप हैं।
पहले भी देश विरोधी बयान देते रहे हैं हामिद अंसारी
उल्लेखनीय है कि हामिद अंसारी के जिस बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। ऐसी बातें वो पहले भी कर चुके हैं। मुस्लिमों को भारत में असुरक्षित बताने वाले हामिद अंसारी ने पिछले साल जनवरी 2021 में जी न्यूज के एंकर अमन चोपड़ा को एक इंटरव्यू दिया था। वो अपनी नई किताब ‘बाय मैनी ए हैप्पी एक्सीटेंड’ को प्रोमोट करने शो में गए थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत में मुस्लिम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मॉब लिंचिंग के सवाल पर पूर्व उपराष्ट्रपति ने चीख-चीख कर कहा था कि लिंचिंग वास्तव में धार्मिक रूप से प्रेरित है। उन्होंने ये साबित करने की कोशिश की थी कि जब से हिंदू राष्ट्रवादी बीजेपी ने भारत में सत्ता हासिल की है, देश के अल्पसंख्यकों की लिंचिंग बढ़ गई।
यहीं नहीं हामिद अंसारी पर ये भी आरोप लग चुके हैं कि जब वो 1990-92 के दौरान ईरान के राजदूत थे तो उन्होंने गल्फ कंट्री में रॉ के सेटअप को उजागर कर रॉ के अधिकारियों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया था। रॉ के पूर्व अधिकारी एनके सूद ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हामिद अंसारी के रोल की जाँच करने की माँग की थी। सूद ने 1991 में भारतीय अधिकारी संदीप कपूर के अपहरण का भी जिक्र किया था। इस मामले में हामिद अंसारी पर लापरवाही का आरोप भी लगा था।
इसके साथ ही 2019 में एनके सूद ने इस बात का भी खुलासा किया था। सूद ने बताया था कि रतन सहगल नाम का व्यक्ति हामिद अंसारी का सहयोगी था। उस दौरान वो आईबी में था। रतन सहगल ने ही वैज्ञानिक नाम्बी नारायणन (Nambi Naraynan) को साजिश में फँसाया था और उनका कैरियर तबाह कर दिया। सूद ने यह भी खुलासा किया था कि हामिद अंसारी का करीबी होने के कारण रतन सहगल अक्सर उन्हें डराया करता था।