Monday, November 18, 2024
Homeराजनीति'गहलोत जी, बेजुबान बकरे की फरियाद भी सुन लो': मकर संक्रांति पर राजस्थान सरकार...

‘गहलोत जी, बेजुबान बकरे की फरियाद भी सुन लो’: मकर संक्रांति पर राजस्थान सरकार को हुई पक्षियों की चिंता, जारी किया विज्ञापन

"गहलोत जी परिंदों के साथ-साथ बेजुबान बकरे, भेड़ों, मुर्गों इत्यादि कि फरियाद भी सुन लो। एक बार सुनकर तो देखो। कॉन्ग्रेस निकाल ही तो देगी, भाग्य कहीं और आजमा लेना। वैसे भी कॉन्ग्रेस कितने दिन की है।"

हिंदुओं के त्योहार आते ही सेकुलर अजेंडा चलाने के लिए तरह-तरह के अभियान शुरू हो जाते हैं। अभी हाल में मकर संक्रांति के मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बेजुबान परिंदों की चिंता जाहिर की गई।

राजस्थान सरकार के इस विज्ञापन में पक्षी की तस्वीर के साथ लिखा है, “बेजुबान परिंदे करते हैं फरियाद। भरने दो हमें उड़ान, न छीनो हमारे प्राण।” इस विज्ञापन के बगल में सीएम गहलोत की तस्वीर है।

अब इसी विज्ञापन पर गौर करवाते हुए भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है। उन्होंने इसे हिंदुओं के त्यौहारों के खिलाफ घृणित अभियान कहा है। वह लिखते हैं, “हमारे त्यौहारों को हिंसा और दुःख का प्रतीक बताने की बेशर्म कोशिश। जिन त्यौहारों पर लाखों जीवों की हत्या ही त्यौहार होता है, उनको शांति का प्रतीक बताना और हमारे उत्सवों के प्रति नफरत पैदा करना। ये अस्वीकार्य है। इसको रोकना ही होगा।”

कपिल मिश्रा के अलावा कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस विज्ञापन पर अपनी राय दी है। लोगों का मत यह नहीं है कि वो पतंग उड़ाकर पक्षियों की जान लेना चाहते हैं। बस उनका सवाल है कि यह जागरूकता दूसरे समुदाय के ऐसे त्योहार पर क्यों नहीं फैलाई जाती जब सैंकड़ों जानवरों को त्योहार की रीत के नाम पर कुर्बान कर दिया जाता है।

संजीव कुमार लिखते हैं, “गहलोत जी परिंदों के साथ-साथ बेजुबान बकरे, भेड़ों, मुर्गों इत्यादि कि फरियाद भी सुन लो। एक बार सुनकर तो देखो। कॉन्ग्रेस निकाल ही तो देगी, भाग्य कहीं और आजमा लेना। वैसे भी कॉन्ग्रेस कितने दिन की है।”

अभय प्रताप सिंह लिखते हैं, “बकरीद की बधाई देते समय गहलोत को बेजुबानों का दर्द याद नहीं रहता? मुद्दा बेजुबानों का नहीं है बल्कि मुद्दा ये है कि कॉन्ग्रेस किस तरह हिंदुत्व की भावनाओं को कुचलती है, हिंदू आस्थाओं को खत्म करने के प्रयास में रहती है!”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -