हिंदुओं के त्योहार आते ही सेकुलर अजेंडा चलाने के लिए तरह-तरह के अभियान शुरू हो जाते हैं। अभी हाल में मकर संक्रांति के मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बेजुबान परिंदों की चिंता जाहिर की गई।
राजस्थान सरकार के इस विज्ञापन में पक्षी की तस्वीर के साथ लिखा है, “बेजुबान परिंदे करते हैं फरियाद। भरने दो हमें उड़ान, न छीनो हमारे प्राण।” इस विज्ञापन के बगल में सीएम गहलोत की तस्वीर है।
आज फिर हमारे त्यौहारों के खिलाफ घृणित अभियान
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 14, 2021
हमारे त्यौहारों को हिंसा और दुःख का प्रतीक बताने की बेशर्म कोशिश
जिन त्यौहारों पर लाखों जीवो की हत्या ही त्यौहार होता है, उनको शांति का प्रतीक बताना और हमारे उत्सवों के प्रति नफरत पैदा करना
ये अस्वीकार्य है
इसको रोकना ही होगा pic.twitter.com/kcG4bcuok7
अब इसी विज्ञापन पर गौर करवाते हुए भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है। उन्होंने इसे हिंदुओं के त्यौहारों के खिलाफ घृणित अभियान कहा है। वह लिखते हैं, “हमारे त्यौहारों को हिंसा और दुःख का प्रतीक बताने की बेशर्म कोशिश। जिन त्यौहारों पर लाखों जीवों की हत्या ही त्यौहार होता है, उनको शांति का प्रतीक बताना और हमारे उत्सवों के प्रति नफरत पैदा करना। ये अस्वीकार्य है। इसको रोकना ही होगा।”
गहलोत जी परिंदों के साथ साथ बेजुबान बकरे, भेडों, मुर्गों इत्यादि कि फरियाद भी सुन लो….. एक बार सुनकर तो देखो…. कांग्रेस निकाल ही तो देगी….. भाग्य कहीं और आजमा लेना…. वैसे भी कांग्रेस कितने दिन की है…..
— Sanjeev Kumar (@Sanjeev06627461) January 14, 2021
कपिल मिश्रा के अलावा कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस विज्ञापन पर अपनी राय दी है। लोगों का मत यह नहीं है कि वो पतंग उड़ाकर पक्षियों की जान लेना चाहते हैं। बस उनका सवाल है कि यह जागरूकता दूसरे समुदाय के ऐसे त्योहार पर क्यों नहीं फैलाई जाती जब सैंकड़ों जानवरों को त्योहार की रीत के नाम पर कुर्बान कर दिया जाता है।
गहलोत जी परिंदों के साथ साथ बेजुबान बकरे, भेडों, मुर्गों इत्यादि कि फरियाद भी सुन लो….. एक बार सुनकर तो देखो…. कांग्रेस निकाल ही तो देगी….. भाग्य कहीं और आजमा लेना…. वैसे भी कांग्रेस कितने दिन की है…..
— Sanjeev Kumar (@Sanjeev06627461) January 14, 2021
संजीव कुमार लिखते हैं, “गहलोत जी परिंदों के साथ-साथ बेजुबान बकरे, भेड़ों, मुर्गों इत्यादि कि फरियाद भी सुन लो। एक बार सुनकर तो देखो। कॉन्ग्रेस निकाल ही तो देगी, भाग्य कहीं और आजमा लेना। वैसे भी कॉन्ग्रेस कितने दिन की है।”
अभय प्रताप सिंह लिखते हैं, “बकरीद की बधाई देते समय गहलोत को बेजुबानों का दर्द याद नहीं रहता? मुद्दा बेजुबानों का नहीं है बल्कि मुद्दा ये है कि कॉन्ग्रेस किस तरह हिंदुत्व की भावनाओं को कुचलती है, हिंदू आस्थाओं को खत्म करने के प्रयास में रहती है!”
बकरीद की बधाई देते समय गहलोत को बेजुबानों का दर्द याद नहीं रहता?
— Abhay Pratap Singh (@AbhayRevealed) January 14, 2021
मुद्दा बेजुबानों का नहीं है बल्कि मुद्दा ये है कि कांग्रेस किस तरह हिंदुत्व की भावनाओं को कुचलती है, हिंदू आस्थाओं को खत्म करने के प्रयास में रहती है..!!