गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग की पिटाई व दाढ़ी काटने का वायरल वीडियो ट्वीट कर कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और स्वरा भास्कर फँस गए हैं। लोनी से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बुधवार (16 जून 2021) को राहुल गाँधी, ओवैसी और स्वरा भास्कर के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ रासुका के तहत केस दर्ज करने के संबंध में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। गुर्जर ने इन सभी पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है।
भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपनी शिकायत में कहा, ”मेरी विधानसभा लोनी में साजिश के तहत एक मुस्लिम व्यक्ति की दाढ़ी काटने व मारपीट का वीडियो वायरल किया गया। यह घटना 5 जून 2021 की है।” उन्होंने आगे कहा, ”राहुल गाँधी, एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी और अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने अपने वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से एक बुजुर्ग की पिटाई व दाढ़ी काटने का वीडियो शेयर कर इस घटना को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की है।”
गुर्जर ने कहा कि घटना को भगवान श्रीराम से जोड़ते हुए इसके लिए उनके भक्तों को दोषी ठहराया गया, जबकि इस मामले में मुस्लिम युवक भी शामिल थे। इससे पता चलता है कि इसे हिंदू-मुस्लिम रंग देकर माहौल खराब करने की कोशिश की गई। वीडियो को सुनियोजित षडयंत्र और साजिश के तहत शेयर किया गया है ताकि दंगा फैले। नंदकिशोर गुर्जर ने थानाध्यक्ष से इन सभी के खिलाफ रासुका के तहत केस दर्ज करने की माँग की है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी थाने में मोहम्मद जुबैर और ट्विटर के अलावा सलमान निजामी, राना अयूब, डॉक्टर शमा मोहम्मद, सबा नकवी और मशकूर अहमद के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन सभी ने हिन्दू-मुस्लिम दंगा भड़काने के आपराधिक षड्यंत्र के तहत फेक न्यूज़ को फैलाया कि एक मुस्लिम बुजुर्ग को हिन्दुओं ने पीटा और जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाया।
गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि ये घटना जून 5, 2021 की है, जिसके बारे में पुलिस के समक्ष 2 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जब पुलिस ने जाँच की, तो पाया कि पीड़ित अब्दुल समद बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर स्थित बेहटा आया था। वो एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपित परवेश गुज्जर के घर बंथना गया था। वहीं पर कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आ गए। वहीं मारपीट हुई।
वहीं, पत्रकार स्वाती गोयल शर्मा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि परवेश से दो घर दूर रहने वाली परवेश की मौसी ने मेरी टीम सेवा न्याय उत्थान के सदस्य से बताया है कि अब्दुल 3 महीने से परवेश के परिवार से मिलने आ रहा था। इसका मतलब यह है कि अब्दुल का एफआईआर में बयान कि हमलावर उसके लिए अज्ञात थे, झूठा है।
This is BIG: Parvesh’s mausi who lives two houses away from Parvesh, tells my team member from @sewanyaya that Abdul had been visiting Parvesh’s family for 3 months.
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) June 16, 2021
This means that Abdul’s statement in FIR that attackers were unknown to him is false. pic.twitter.com/RRLZzHOTqp