जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार (25 अगस्त 2022) को कॉन्ग्रेस छोड़ दी। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वे काफी समय से पार्टी की नीतियों को लेकर नाराज चल रहे थे।
आजाद ने कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा है। इसमें जवाहर लाल नेहरू से लेकर संजय गॉंधी तक का जिक्र हैं। गुलाम नबी ने पत्र में वायनाड के सांसद राहुल गॉंधी को भी जमकर कोसा है। सोनिया गाँधी को पत्र में ‘रबर स्टांप’ की तरह बताया है।
इस्तीफे वाले पत्र में गुलाम नबी आजाद ने लिखा है, “बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।” राहुल गाँधी के लिए पत्र में कहा है, “वे अनुभवहीन लोगों से घिरे हुए हैं। उन्होंने 2013 में पार्टी उपाध्यक्ष बनने के बाद पुरानी कॉन्ग्रेस को खत्म कर दिया, जिसके कारण धीरे-धीरे पार्टी के जमीनी नेता दूर हो गए।”
“It is therefore with great regret and an extremely leaden heart that I have decided to sever my half a century old assocation with Indian National Congress,” read Ghulam Nabi Azad’s resignation letter to Congress interim president Sonia Gandhi pic.twitter.com/X49Epvo1TP
— ANI (@ANI) August 26, 2022
गुलाम नबी आजाद ने राहुल गाँधी पर हमला करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी ने भाजपा और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय दलों से हार मान ली है। उन्होंने कहा, “यह सब इसलिए हुआ क्योंकि पिछले 8 वर्षों में नेतृत्व ने पार्टी के शीर्ष पर एक गैर-गंभीर व्यक्ति को थोपने की कोशिश की है।”
गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि राहुल गाँधी ने पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। बीते कुछ सालों में राहुल गाँधी ने सीनियर लीडर को दरकिनार कर दिया है। कॉन्ग्रेस में इन दिनों राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी की दो टीम काम कर रही है। राहुल गाँधी लगातार पार्टी के संविधान को दरकिनार करते हुए काम कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा है, “यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला ‘रिमोट कंट्रोल मॉडल’ अब भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस में लागू हो गया है। आप (सोनिया गाँधी) का केवल नाम बचा है। सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गाँधी या उनके सुरक्षा गार्ड और पीए ले रहे हैं।”
आगे आजाद ने लिखा है, “पूरी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक दिखावा और ढकोसला है। देश में कहीं भी संगठन के किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं। 24 अकबर रोड में बैठे AICC के चुने हुए लेफ्टिनेंटों को मंडली द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है।”
उल्लेखनीय है कि गुलाम नबी आजाद की नाराजगी हाल ही में तब सामने आई थी, जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही इस्तीफा दे दिया था। उनके अलावा भी कई वरिष्ठ नेता आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में आनंद शर्मा ने पार्टी की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।