गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है। गुजरात में भाजपा प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है। यहाँ भाजपा ने 150 के आँकड़े को पार कर लिया है और 158 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं कॉन्ग्रेस मात्र 15 सीटों पर ही जीतती हुई दिख रही है। अरविंद केजरीवाल की AAP ने हाइप तो खूब बनाया था, लेकिन पार्टी पार्टी मात्र 5 सीटों पर ही आगे है। असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM को भी 1 सीट मिलती हुई दिख रही है। भाजपा गुजरात में सारे रिकॉर्ड्स ध्वस्त कर सकती है।
जहाँ तक बात हिमाचल प्रदेश की है, वहाँ एग्जिट पोल्स सटीक साबित हो रहे हैं और काँटे की टक्कर चल रही है। सत्ताधारी भाजपा जहाँ 34 सीटों के साथ बहुमत के आँकड़े से मात्र 1 सीट पीछे है, वहीं कॉन्ग्रेस पार्टी 30 सीटों के साथ उसे कड़ी टक्कर दे रही है। हालाँकि, अन्य के होते में 3 सीटें गई हैं और उनमें अधिकतर भाजपा के बागी ह बताए जा रहे हैं। ऐसे में अंतिम परिणामों में भाजपा एक-दो सीट पीछे भी रही तो उसे सरकार बनाने में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
गुजरात के जामनगर विधानसभा क्षेत्र में क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा आगे चल रही हैं। मुख्यमत्री भूपेंद्र पटेल घाटलोडिया से लड़ रहे हैं, जहाँ से वो आसान जीत हासिल करने वाले हैं। अगर भाजपा 150 सीटों से आगे का आँकड़ा पार कर लेती है तो ये राज्य में अब तक किसी भी पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा। कॉन्ग्रेस के ‘KHAM’ मॉडल का रिकॉर्ड भी टूट जाएगा। वहीं हिमाचल प्रदेश में खंडित जनादेश की आशंका भी जताई जा रही है। माधव सिंह सोलंकी ने ‘क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम’ का गठबंधन बना कर 80 के दशक में 149 का आँकड़ा छुआ था।
गुजरात चुनाव के रूझानों पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- प्रधानमंत्री के प्रति गुजरात की जनता का बहुत बड़ा विश्वास है। हमारे लिए यह आश्चर्य की बात नहीं है, हम इससे अचंभित नहीं है। pic.twitter.com/UEX8dmXUxS
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) December 8, 2022
जहाँ तक उत्तर प्रदेश की बात है, यहाँ मुलायम सिंह यादव परिवार का गढ़ रहे मैनपुरी को सपा ने फिर से बचा लिया है। डिम्पल यादव यहाँ से सहज रूप से जीत दर्ज करती हुई दिख रही हैं। आज़म खान के रामपुर और बिहार के कुढ़नी में काँटे की टक्कर है और पाला किसी भी तरफ जा सकता है। मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि गुजरात में इस प्रदर्शन के साथ अब AAP राष्ट्रीय पार्टी भी बनने जा रही है, क्योंकि दिल्ली और पंजाब में पहले से ही उसकी सरकार है।