सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और गुजरात सरकार की अपीलों पर अपना फैसला सुना दिया है। उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या हत्याकांड में 12 आरोपितों को दोषी ठहराया है। गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या की साल 2003 में हत्या करने के आरोपों का सामना कर रहे 12 लोगों को बरी करने के फैसले को सीबीआई और गुजरात सरकार ने चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सात आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। गुजरात हाईकोर्ट ने साल 2003 के हरेन पांड्या हत्याकांड के सभी 12 आरोपितों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया था।
Supreme Court dismisses with a cost of Rs 50000, a PIL filed by Centre for Public Interest Litigation seeking a fresh, court-monitored probe in the case saying several new facts have emerged recently which required fresh investigation into the murder case. https://t.co/02tVG0lv0X
— ANI (@ANI) July 5, 2019
जानकारी के मुताबिक, फैसले के बाद शीर्ष अदालत ने गैर सरकारी संगठन की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमे न्यायालय की निगरानी में पांड्या हत्याकांड की नए सिरे से जाँच कराने का अनुरोध किया गया था। न्यायालय ने इस हत्याकांड की नए सिरे से जाँच के लिये जनहित याचिका दायर करने पर इस गैर सरकारी संगठन पर 50,000 रूपए का जुर्माना लगाया और कहा कि इस मामले में अब किसी और याचिका पर विचार नहीं होगा।
हरेन पांड्या गुजरात में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में गृहमंत्री थे। उनकी अहमदाबाद में सुबह की सैर के दौरान लॉ गार्डन के समीप 26 मार्च 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीबीआई के अनुसार, राज्य में 2002 के साम्प्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की गई। सीबीआई और राज्य पुलिस ने गुजरात उच्च न्यायालय के 29 अगस्त 2011 के फैसले को गलत बताते हुए अपील दायर की थी।