नागरिकता कानून संशोधन कानून के खिलाफ लगातार उकसावे वाले और भड़काऊ बयान देने के मामले में तेलंगाना पुलिस ने AIMIM लीडर असदुद्दीन ओवैसी, उसकी पार्टी के प्रवक्ता वारिस पठान और भाजपा नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इन तीनों नेताओं के खिलाफ यह कार्यवाही बालकिशन राव नामधारी की शिकायत के बाद की गई है। बालकिशन नामधारी ने गुरुवार को यह शिकायत दी थी। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली समेत पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर उपद्रव और दंगे करने की कोशिश हुई, जिसमें दिल्ली में भड़के एंटी हिन्दू दंगे भी शामिल हैं जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
Telangana: Case registered against AIMIM leaders Asaduddin Owaisi&Waris Pathan & BJP leader Kapil Mishra, on charges of promoting enmity between two religious communities. The complaint was filed by one Balkishan Rao Namdhari, yesterday. (File pics) pic.twitter.com/W2D0n8cUa4
— ANI (@ANI) March 13, 2020
दिल्ली के इन दंगों और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ होते पिछले तीन महीनों के उपद्रवों और फसादों के पीछे विपक्षी दलों की भड़काऊ बयानबाजी का सबसे महत्त्वपूर्ण रोल रहा है। पहले कॉन्ग्रेस की सोनिया गाँधी आदि का “आर-पार” की लड़ाई जैसे बयान आए, जिसमें उन्होंने सीएएए का विरोध करने के लिए सड़क पर उतरने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि कॉन्ग्रेस इस तरह का विरोध करने वाले लोगों के साथ खड़ी है।
हाल ही में संसद में भी भड़काऊ बयानों (Hate Speech) को लेकर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई, जिसके दौरान बीजेपी नेताओं ने दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों को कपिल मिश्रा के माथे फोड़ने का जोरदार विरोध किया। गृह मंत्री अमित शाह ने हेट स्पीच पर बोलते हुए कहा कि 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में 1 पार्टी ने एंटी CAA रैली की, उसमें पार्टी की अध्यक्ष महोदया भाषण में कहती हैं कि घर से बाहर निकलो, आर-पार की लड़ाई करों, अस्तित्व का सवाल है। उसके बाद उनके एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे। ये हेट स्पीच नहीं है तो क्या है? शाह ने वारिश पठान पर भी निशाना साधा और कहा कि जो यह कहता हो 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी हैं तो ये क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि शाहीन बाग का धरना कपिल मिश्रा के बयान के बाद से नहीं बल्कि उससे बहुत पहले यानी की 15 दिसंबर से जारी है।
याद रहे कि दिल्ली में हिन्दू विरोधी दंगे फैलने के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे पुलिस के सामने ही कह रहे थे कि अगर ट्रम्प की वापसी तक सड़क खाली नहीं हुई तो वे लोग सड़क पर उतरेंगे। जिसे विपक्ष ने दंगे भड़काने वाली घृणात्मक बयानबाजी बताया था। जबकि सरकार ने उनका बचाव करते हुए सोनिया गांधी, असदुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान सहित शरजील इमाम आदि के बयानों की याद दिलाई थी।