Friday, November 15, 2024
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मंदिरों का सोना नहीं, कॉन्ग्रेस नेताओं से लें पैसा: पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण की सलाह पर बोले महंत

"सरकार को हिंदू मंदिरों से सोना लेने से पहले, कॉन्ग्रेस के उन नेताओं की संपत्ति को जब्त करके उसे कोरोना वायरस से लड़ने के काम में लगा देना चाहिए, जिन्होंने 70 सालों तक देश को लूटकर खाया। इसके बाद वह मंदिरों की संपत्ति लेने की बात करें तो हम उनके फैसले का स्वागत करेंगे।"

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कोरोना संकट को देखते हुए मंदिरों का सोना लेने की सलाह दी थी। महंतों ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि पैसा कॉन्ग्रेस नेताओं से लिया जाना चाहिए।

पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर प्रतिक्रिया देते तपस्वी छावनी से जुड़े स्वामी परमहंस ने कहा, “सरकार को हिंदू मंदिरों से सोना लेने से पहले, कॉन्ग्रेस के उन नेताओं की संपत्ति को जब्त करके उसे कोरोना वायरस से लड़ने के काम में लगा देना चाहिए, जिन्होंने 70 सालों तक देश को लूटकर खाया। इसके बाद वह मंदिरों की संपत्ति लेने की बात करें तो हम उनके फैसले का स्वागत करेंगे।”

मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस नेता राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम से सवाल भी किया कि वह केवल हिंदू मंदिरों से हीं क्यों पैसा माँगते हैं, चर्चों और मस्जिदों से पैसा क्यों नहीं माँगते।

दरअसल पृथ्वीराज चव्हाण ने ट्वीट करते हुए केन्द्र सरकार को सुझाव दिया था, “सरकार को देश के सभी धार्मिक ट्रस्टों में रखे सभी सोने का तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार मंदिर ट्रस्टों के पास लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर मूल्य का सोना पड़ा हुआ है। सरकार चाहे तो कम ब्याज पर यह सोना सोना मंदिर ट्रस्टों से लिया जा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा था, “अगर इन ट्रस्टों से मामूली ब्याज दर पर लिया जाता है, तो इसको निम्न मध्यम और गरीब वर्ग की हालत ठीक करने के लिए खर्च किया जा सकता है।” रिपोर्टों से पता चलता है कि वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने कहा है कि भारत में धार्मिक संप्रदायों के पास मौजूद सोने के भंडार का मूल्य लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर है। इसी बात का उल्लेख करते हुए चव्हाण ने कहा कि “खुले बाजार से धन जुटाने की कम गुंजाइश है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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