Sunday, December 22, 2024
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40000 से सीधा 1411… कॉन्ग्रेस राज में ऐसे घट गई बाघों की संख्या, उलटा PM मोदी को कोस रहे जयराम रमेश: अब लॉन्च हुआ ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस’

यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रेडिट लेने का आरोप लगाया हो। वैसे कॉन्ग्रेस नेताओं का झूठे आरोप लगाने और फिर माफी माँगने का इतिहास पुराना है।

देश में बाघों के सरंक्षण के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट टाइगर को 50 साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (9 अप्रैल, 2023) को कर्नाटक में स्थित बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुँचे। यहाँ उन्होंने कहा है कि देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हो गई है। वहीं, कॉन्ग्रेस पीएम मोदी पर ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का श्रेय लेने का आरोप लगा रही है। हालाँकि अब सवाल यह है कि क्या वास्तव में पीएम मोदी ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का श्रेय ले रहे हैं?

दरअसल, कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया है, “आज बांदीपुर में प्रधानमंत्री 50 साल पहले लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट टाइगर का पूरा श्रेय लेंगे। वह पर्यावरण, वन, वन्यजीव और वन क्षेत्रों में रहने वाले जनजातियों की रक्षा के लिए बनाए गए सभी कानूनों को खत्म करते हुए बहुत तमाशा करेंगे। यह सब सुर्खियों में रहेगा। लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है।”

यही नहीं, कर्नाटक कॉन्ग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की फोटो ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा है, “नरेंद्र मोदी 70 साल से कॉन्ग्रेस ने क्या किया है। कॉन्ग्रेस सरकार ने 1973 में बांदीपुर बाघ संरक्षण परियोजना लागू की थी। यहीं आज आप सफारी का आनंद ले रहे हैं। प्रोजेक्ट टाइगर का परिणाम है कि आज बाघों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। उनसे खास अपील- बांदीपुर अडानी को मत बेचिए।”

देश में बाघों की संख्या बढ़ाने में कॉन्ग्रेस का योगदान?

देश की आजादी के बाद पहली बार साल 1950 में बाघों की गणना की गई थी। उस समय सामने आए आँकड़ों के अनुसार देश में बाघों की संख्या 40,000 थी। इसके बाद अगले 20 सालों में बाघों की संख्या घटकर 1800 में पहुँच गई। यह वह दौर जब देश की सत्ता जवाहर लाल नेहरू और गुलजारी नंदा, लाल बहादुर शास्त्री से होते हुए इंदिरा गाँधी तक के हाथों में पहुँच गई थी। देश में कॉन्ग्रेस के शासन के दिन बढ़ते जा रहे थे। लेकिन बाघों की संख्या लगातार गिरती जा रही थी।

इसके बाद साल 1973 में इंदिरा गाँधी ने ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ लॉन्च किया। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश में बचे हुए बाघों का सरंक्षण करना था। शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को देखकर ऐसा लगा कि बाघों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी होने वाली है। ऐसा हुआ भी, साल 1980 तक बाघों की संख्या 3000 तक पहुँच गई। लेकिन, इसके बाद 1990 में यह संख्या गिरकर 3000 और साल 2006 में महज 1411 रह गई। इसके बाद साल 2010 में देश में बाघों की संख्या 1706 और 2014 में 2226 थी।

इन आँकड़ों से साफ है कि देश में 70 सालों तक राज करने का दंभ भरने वाली कॉन्ग्रेस सरकार के शासन में बाघों की संख्या 40 हजार से घटकर एक समय 1411 तक पहुँच गई थी।

पीएम मोदी सिर्फ क्रेडिट ले रहे हैं?

यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रेडिट लेने का आरोप लगाया हो। वैसे कॉन्ग्रेस नेताओं का झूठे आरोप लगाने और फिर माफी माँगने का इतिहास पुराना है। बहरहाल, पीएम मोदी प्रोजेक्ट टाइगर का क्रेडिट ले रहे हैं या नहीं इसकी सच्चाई जानने के लिए एक बार फिर साल 2014 के आँकड़ों पर नजर डालनी होगी। दरअसल, साल 2014 में देश में बाघों की संख्या 2226 थी। वहीं, अगले 4 सालों यानि साल 2018 में यह संख्या बढ़कर 2967 पहुँच गई।

अब बांदीपुर नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री द्वारा जारी किए गए ताजा आँकड़ों के अनुसार, देश में बाघों की संख्या 3167 हो गई है। यानी कि बीते 9 सालों में देश भर में 941 बाघ बढ़े हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि जिनके सत्ता में रहते हुए बाघों की संख्या में लगातार गिरावट हुई वह सिर्फ सियासी फायदे के लिए झूठे आरोप मढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च किया IBCA

अवैध वन्यजीव व्यापार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस (IBCA)’ लॉन्च किया है। यह अलायंस बिग कैट प्रजातियों को शरण देने वाले आसपास के देशों की सदस्यता के साथ दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण और उनकी सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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