हैदराबाद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निलंबित विधायक टी राजा सिंह बेल मिलने के बाद रिहा हैं। कट्टरपंथी दोबारा वीडियो के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की माँग कर रहे हैं। वहीं इस बीच उनका कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। वह हमेशा नरेंद्र मोदी और अमित शाह के सच्चे सैनिक रहेंगे। लेकिन उनके लिए धर्म की रक्षा पहले है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, “मेरे लिए पार्टी से ज्यादा, धर्म को बचाना जरूरी है।” उन्होंने विवादित वीडियो के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हटाए जाने पर कहा कि वो उस वीडियो का पार्ट-2 भी लेकर आएँगे जिसमें और भी बातें होंगी।
Protecting dharma more important than party: Speaking T Raja Singh
— Hemant Dwivedi (@hemantsahsepuri) August 24, 2022
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टी राजा सिंह की वीडियो, गिरफ्तारी और बेल
बता दें कि टी राजा सिंह पहले मुनव्वर फारूकी के शो के विरोध में आवाज उठा रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने अपनी वीडियो बनाई और उसमें इस्लाम व बुजुर्ग व्यक्ति के बारे में बात करने लगे। इसी वीडियो को देख मुस्लिमों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी की। इसके बाद वह सभी सैंकड़ों की भीड़ जुटाकर सड़कों पर आ गए।
टी राजा सिंह के खिलाफ दबीरापुरा और मंगलहाट पुलिस थानों में अलग-अलग केस दर्ज हुआ। उनपर दो संप्रदाय को भड़काने के आरोप लगे। मंगलवार की सुबह उनकी गिरफ्तारी हुई, दोपहर में बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निलंबित किया और फिर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन न्यायिक हिरासत में भेजा।
मंगलवार की शाम में ही राजा सिंह के वकील ने उनकी रिहाई के लिए बेल याचिका दी। इसमें बताया गया कि कैसे उनको बिन नोटिस दिए गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने दलील को स्वीकारा और बेल मंजूर की।
टी राजा सिंह के रिहा होने के बाद राज्य में बवाल, वकील को भी UAE से धमकी मिली
राजा सिंह के रिहा होते ही हैदराबाद में चारों ओर दोबारा विरोध शुरू हो गया। कट्टरपंथी बाहर सड़कों पर आए और दोबारा हर जगह ‘सर तन से जुदा गूँजने लगा।’ इसी दौरान राजा सिंह के वकील को यूएई के नंबरों से 3 बार जान से मारने की धमकी आई।
हैदराबाद के शालीबांदा में तो पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की हिंसक झड़प की घटना घटी। पुलिस वैन में भी कथिततौर पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की। इसके अलावा बाजारों से दुकानें जबरन बंद कराने की, राजा सिंह के पोस्टर्स पर चप्पल मारने की, उनका पुतला जलाने की घटना भी प्रकाश में आई।