Friday, November 15, 2024
Homeराजनीति'करियर बनाने के लिए कॉन्ग्रेस में नहीं आया, चंद वोटों के लिए मूल विचार...

‘करियर बनाने के लिए कॉन्ग्रेस में नहीं आया, चंद वोटों के लिए मूल विचार न त्यागे कॉन्ग्रेस’

शशि थरूर ने कहा कि समावेशी और प्रगतिशील भारत के विचारों को महज चंद वोटों और सीटों के लिए त्यागना सही नहीं है।

कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि वे अपना करियर बनाने के लिए पार्टी में नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि वह कॉन्ग्रेस में इसीलिए नहीं आए हैं क्योंकि उन्हें यहाँ आजीवन करियर बनाना था। उन्होंने कहा कि वे कॉन्ग्रेस में इसीलिए आए क्योंकि उन्हें लगता था कि एक समावेशी और प्रगतिशील भारत के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए यह एक उचित माध्यम है।

शशि थरूर ने कहा कि समावेशी और प्रगतिशील भारत के विचारों को महज चंद वोटों और सीटों के लिए त्यागना सही नहीं है। अभी हाल ही में थरूर ने कहा था कि कॉन्ग्रेस जनता का विश्वास जीतने के लिए हिंदी बेल्ट में बहुसंख्यकों को रिझाने के उपाय करना सही नहीं है। थरूर इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा कर चुके हैं।

शशि थरूर ने इस दौरान पाकिस्तान को लेकर भी बात की। थरूर ने कहा कि पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति में बदलाव किया था। थरूर ने पूछा कि पाकिस्तान को यह अधिकार किसने दिया कि वह हम पर ऊँगली उठाए? उन्होंने कहा कि भारत के आंतरिक मुद्दों को लेकर पाकिस्तान को कुछ कहने का कोई हक़ नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग भले ही भारत के अंदर सरकार की आलोचना करते हों लेकिन बाहर सब एक हैं। थरूर ने अकहा कि एक इंच ज़मीन भी पाकिस्तान को नहीं दी जाएगी।

इसके बाद कई कॉन्ग्रेस नेताओं ने थरूर को निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि भारत के सेक्युलर स्पेस की रक्षा करना कॉन्ग्रेस पार्टी का मूल कर्तव्य है। थरूर पिछले कुछ दिनों से लगातार कॉन्ग्रेस पार्टी को सलाह पर सलाह दे रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी को नसीहत दी कि भाजपा की सफलता से डरने की बजाय पार्टी अपने मूल विचारों पर ध्यान दे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -