IFFI जूरी हेड और इजरायल के फिल्म निर्माता नादव लैपिड (Nadav Lapid) का जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने समर्थन किया है। लैपिड ने फिल्म कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) के नाम पर कश्मीरी हिंदुओं के बलिदान का मजाक उड़ाया था।
महबूबा ने ट्विटर पर कहा, “अंतत: किसी ने फिल्म का नाम लिया, जिसे सत्ताधारी दल द्वारा मुस्लिमों, विशेष रूप से कश्मीरियों को नीचा दिखाने और पंडितों एवं मुस्लिमों के बीच की खाई को चौड़ा करने के लिए प्रचारित किया गया था। दुख की बात है कि अब सच को खामोश करने के लिए कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
Finally someone called out a movie that was nothing but sheer propaganda promoted by the ruling party to demonise muslims esp Kashmiris & widen the gulf between Pandits & Muslims. Sad that diplomatic channels are now being used to silence the truth. https://t.co/oMP302Kzo1
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 30, 2022
इसको लेकर कश्मीरी ऐक्टविस्ट ने कहा कि आजकल हर कोई इस फिल्म को प्रोपेगेंडा बता रहा है और कश्मीरी पंडितों की न्याय की बात कर रहा है, लेकिन सवाल है कि किससे न्याय? इसकी बात कोई नहीं कर रहा है। उन्होंने का कि 30 साल से यही नैरेटिव रचा गया कि कश्मीरी पंडितों को कुछ नहीं हुआ। यह बेहद सोच-समझकर प्रचारित किया गया।
अमित रैना ने कहा कि पहले कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन को दोषी बताया गया फिर इस फिल्म को बताया जाने लगा। जिन लोगों ने हथियार उठाए और कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की, उनको लेकर सवाल नहीं उठाए जा रहे हैं। इस फिल्म ने 32 साल पुराने इस नैरेटिव का भंडाफोड़ कर दिया।
वहीं, एक अन्य कश्मीरी ऐक्टविस्ट सुशील पंडित ने कहा, जहाँ तक कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का सवाल है तो वह (महबूबा) हिस्ट्रीशीटर हैं। अब तक उन्होंने अपना और अपने पिता का रोल लिमिट करने की कोशिश नहीं की। उस नरसंहार के लिए आज तक किसी को दोषी नहीं ठहराया गया, किसी को सजा नहीं हुई।”
सुशील पंडित ने कहा कि महबूबा जेहादी हैं और हमेशा जेहाद की बात करती हैं। उन्होंने हमेशा जेहादियों को बचाने की कोशिश की है। महबूबा कश्मीरियों की दुश्मन हैं। उन्होंने अपने समय में 300 से अधिक पत्थरबाजों को हायर किया था।
Mehbooba Mufti backs Israeli filmmaker Nadav Lapid's remark on #KashmirFiles
— News18 (@CNNnews18) November 30, 2022
Kashmiri Activist Amit Raina and Kashmiri Pandit @neelakantha with views@GrihaAtul pic.twitter.com/VlHvwzZsXC
लैपिड ने कहा है कि वह कश्मीर फाइल्स को ‘प्रोपेगेंडा और अश्लील’ बताते हुए कहा है कि इसमें भारतीय नीति को सही ठहराने वाली फिल्म से हैरान थे। साथ ही आरोप लगाया कि इसमें फासीवादी विशेषताएँ हैं और यह फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर आधारित है। नादव ने कहा कि अगर इस तरह की फिल्म आने वाले वर्षों में इजरायल में भी बनती है तो उन्हें आश्चर्य होगा।
उन्होंने स्थानीय मीडिया Ynet से बात करते हुए कहा, “इस तरह से बोलना और राजनीतिक बयान देना आसान नहीं था। मुझे पता था कि यह एक ऐसी घटना है, जो देश से जुड़ी हुई है। हर कोई यहाँ सरकार की प्रशंसा करता है। यह कोई आसान स्थिति नहीं है, क्योंकि आप एक अतिथि के तौर पर यहाँ पर हैं।”
उन्होंने आगे कहा, आगे कहा, “मैं यहाँ हजारों लोगों के साथ एक हॉल में मौजूद था। हर कोई स्थानीय सितारों को देखने और सरकार की जय-जयकार करने के लिए उत्साहित था। उन देशों में जो तेजी से अपने मन की बात कहने या सच बोलने की क्षमता खो रहे हैं, किसी को बोलने की जरूरत है। जब मैंने यह फिल्म देखी, तो मैं इसके साथ इजरायली परिस्थिति की कल्पना किए बिना नहीं रह सका, जो यहाँ मौजूद नहीं थे। लेकिन, वे निश्चित रूप से मौजूद हो सकते थे। इसलिए मुझे ऐसा लगा कि मुझे यह करना ही पड़ेगा, क्योंकि मैं एक ऐसी जगह से आया हूँ, जहाँ खुद में सुधार नहीं हुआ है। वह खुद भी इसी रास्ते पर है।”
बता दें कि लैपिड वामपंथी विचारधारा से ग्रसित इजरायली फिल्म निर्माता है। इसने अब तक कुल 13 फिल्में डायरेक्ट की हैं। नादव लैपिड को इजरायल से नफरत वाले व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। यहूदियों के एक मात्र देश और उसकी मातृभूमि को लेकर नादव लैपिड के विचार कितने अच्छे हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उसके विचारों में इजरायल के विरोधी देश फिलीस्तीन की तरफदारी नजर आती है।
एक इंटरव्यू में लैपिड ने अपनी फिल्म ‘सिनोनिम्स’ पर बात करते हुए इजरायल को लेकर कहा था, “फिल्म इजरायल की आत्मा के बारे में बात करती है। इजरायल की आत्मा एक बीमार आत्मा है। इजरायल के अस्तित्व के गहरे सार में कुछ गलत सा सड़ा हुआ है। यह गलत सिर्फ बेंजामिन नेतन्याहू (इजरायल के प्रधानमंत्री) नहीं है। बल्कि, मुझे लगता है कि इस इजरायली बीमारी या प्रकृति की विशेषता युवा इजरायली लोग हैं जो मस्कुलर बॉडी देखकर खुश होते हैं। लेकिन, न तो कोई सवाल नहीं उठाते हैं और न ही कोई संदेह नहीं करते। उन्हें सिर्फ इजरायली होने में गर्व होता है।”